मप्र LANCO बिजली खरीदी घोटाला आरोप: सरकारी कंपनी की याचिका खारिज

भोपाल। 2.20 रुपये प्रति यूनिट की बिजली 3.12 रुपये प्रति यूनिट में खरीदने का खेल अब बंद हो जाएगा। मप्र के सरकारी खजाने को 1000 करोड़ का चूना लग जाने के बाद मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने मप्र की सरकारी कंपनी की वह याचिका खारिज कर दी है जिसमें लैंको अमरकंटक पावर लिमिटेड से बिजली खरीदी नियमित रखने की गुहार लगाई गई थी। बता दें कि बिजली कंपनी ने मप्र सरकार को जिस 1000 करोड़ रुपए का चूना लगाया है वह पैसा शिवराज सिंह सरकार ने पेट्रोल/डीजल पर अतिरिक्त टैक्स थोपकर जमा किया था। 

मध्यप्रदेश आम आदमी पार्टी के संयोजक आलोक अग्रवाल ने बताया, मध्य प्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड ने लैंको अमरकंटक पावर लिमिटेड से 1 अप्रैल 2013 से अभी तक मंहगी दरों पर बिजली खरीदी है। उन्होंने मांग की है कि वह इस निजी कंपनी से बिजली खरीद बंद करें और जनता के करीब 1,000 करोड़ रुपये वापस करें।

अग्रवाल ने बताया, मध्य प्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड ने लैंको अमरकंटक पावर लिमिटेड से 2.20 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदने का अनुबंध किया था परंतु बाद में कुछ इस तरह की चतुराई की गई कि कंपनी को 3.12 रुपये प्रति यूनिट का भुगतान किया जाने लगा। इस तरह 1 अप्रैल 2013 से अब तक सरकारी खजाने को करीब 1000 करोड़ रुपए की चपत लगाई जा चुकी है। 

इतना ही नहीं, अपने इस गैर कानूनी काम को सही साबित करने के लिए मध्य प्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड ने मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग में एक आवेदन देकर खरीद को नियमित करने का अनुरोध किया था। आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल ने आयोग के समक्ष जनसुनवायी, दिनांक 18 अप्रैल 2017, में उपस्थित होकर जबरदस्त तरीके से नाजायज बिजली खरीदी का विरोध किया था। अग्रवाल ने बताया कि तर्कपूर्वक तथ्यों के साथ मेरे द्वारा दिए गये दस्तावेजों को संज्ञान में लेकर आयोग द्वारा अपने 23 अगस्त 2017 के आदेश द्वारा सरकार की विद्युत कम्पनी की याचिका खारिज कर दी गयी है।

उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी मांग करती है कि मूल अनुबंधित दर 2.20 रुपये प्रति यूनिट के बजाय, दिनांक 1 अप्रैल 2013 से, मनमाने तरीके से बिना आयोग की अनुमति के अत्यधिक दर पर बिजली खरीदी कर जनता के करीब 1000 करोड़ रुपये लूटने के लिये जिम्मेदार मंत्रियों/अधिकारियों पर तुरंत आपराधिक प्रकरण दर्ज किये जाए और जनता के 1000 करोड़ रुपये बिजली दरों में कमी करके वापस किये जाए। मध्य प्रदेश में लगभग एक करोड़ उपभोक्ता है, अत: इस हिसाब से हर उपभोक्ता से औसतन 1000 रुपये लूटे गये हैं। बता दें कि मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कम्पनी लिमिटेड सरकारी की ही कंपनी है जो प्रदेश में स्थापित तीनों विद्युत वितरण कंपनियों की जरूरत हेतु सरकारी/निजी कम्पनियों से बिजली खरीदती है। 

हम फिर से खरीदी करेंगे: CGM चिंचोलकर
इधर मध्य प्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के वाणिज्य विभाग के मुख्य महाप्रबंधक एम पी चिंचोलकर ने बताया कि मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने अनुमोदन के लिए लगाई गई हमारी याचिका को खारिज करते समय कोई विपरीत टिप्पणी नहीं की है। चिंचोलकर ने कहा, जिन मुद्दों पर हमारी याचिका स्वीकार नहीं की गई है, हम उन्हें दूर करेंगे। आम आदमी पार्टी द्वारा लगाये गये आरोपों के बारे में उन्होंने कहा, मैं इन पर टिप्पणी नहीं करूंगा।

Directors of LANCO AMARKANTAK POWER LIMITED
SWATI GOEL
MADHUSUDAN RAO LAGADAPATI
VENKATESH BABU GANGARAP
VIJOY KUMAR
ANWAR AHMAD KHAN
RAVINDRAN VEERASAMY
DINESH VIJ
BHASKARA NAGESWARARAO MANDAVILLI

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