KATNI में सैनिक की जमीन पर अवैध कब्जा, कलेक्टर भी नहीं सुन रहे फरियाद

कटनी। देश की सेवा करने में तैनात जवान के घर की जमीन ही सुरक्षित नही है जबकि विगत दो वर्षों से सैनिक ने कई बार आवेदन के माध्यम से ढीमरखेड़ा एसडीएम, तहसीलदार, एवम जिला कलेक्टर विशेष गढ़पाले को पूरे मामले की जानकारी दी। सैनिक के परिवार में वृद्ध पिता ही जमीन की देखरेख करते हैं लेकिन तहसील के अधिकारियों की मिलीभगत से संबधित रकवा को राजस्व के रिकार्ड मे गलत दर्शा कर कब्जा करने वाले के पक्ष में बताया गया है। जिसकी शिकायत जिला कलेक्टर से भी करने के बाद भी देश की सेवा करने वाले जवान की सुनने को तैयार नही है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार कटनी जिले के ग्राम झिन्ना पिपरिया, तहसील ढीमरखेड़ा के रामनरेश त्रिपाठी पिता शिवकुमार त्रिपाठी जो कि सीआरपीएफ 221 बटालियन मे व्हीआईपी सुरक्षा में नागपुर में पदस्थ हैं। इनकी पैतृक भूमि में गांव के ही श्यामकिशोर पिता पन्ना लाल सोनी ने जबरन कब्जा कर लिया और अधिकारियों की मिली भगत से राजस्व रिकार्ड में भी हेराफेरी करके श्यामकिशोर सोनी के पक्ष में कर दिया गया। 

सैनिक ने इसकी शिकायत क्रमशः तहसीलदार ढीमरखेड़ा, एसडीएम, और जिला कलेक्टर विशेष गढ़पाले से अनेक बार लिखित आवेदन देकर सीमांकन कर उचित कार्यवाही करने की गुहार लगाई जा चुकी है लेकिन किसी अधिकारी ने सैनिक की बात नही सुनी और उल्टे ही सैनिक के परिवार को दोषी बताकर, शिकायतकर्ता सैनिक के वृद्ध पिता पर ही राजस्व प्रकरण बना कर पेशी कराई जा रही है जो विगत दो साल से अधिकारियों के चक्कर काटकर परेशान हो रहे हैं।

इस जमीन पर किया कब्जा
प.ह.न 110/31 जिसका पुराना खसरा नं 24/1 जिसका नया खसरा नं 33 है जिसका कुल रकबा 45 डिसमिल (0.180 हेक्टे.) है। जिस पर शहड़ोल (खमतरा) मुख्य मार्ग बीच जमीन से बनने पर यह जमीन रोड के दोनों तरफ टुकड़ों में बंट गई जिसके दूसरे हिस्से रोड के पार वाली जमीन पर गांव के ही श्यामकिशोर सोनी ने कब्जा करते हुये उल्टे ही सैनिक के व्रद्ध पिता के साथ अभद्रता करते हुये धमकाने लगा और पटवारी एवम अधिकारियों की मिलीभगत से रिकार्ड को बदलवाने का आरोप लगाया गया है। जिसकी शिकायत कर सैनिक ने सभी सक्षम अधिकारियों अवगत कराकर उक्त भूमि का सीमांकन करके सबंधित कब्जा करने वाले व्यक्ति के कब्जा हटाकर कार्यवाही करने की मांग की जा चुकी है लेकिन सैनिक के ही पिता को बार बार परेशान किया जा रहा है।

वृद्ध पिता के सहारे जमीन
उक्त प्रकरण में कब्जा करने वाला श्यामकिशोर को यह भलीभांति पता है कि सैनिक के परिवार में वृद्ध पिता के अलावा कोई भी जमीन की देखरेख करने वाला नही है जिसका लाभ लेते हुए दबंगई करके सैनिक की जमीन पर कब्जा जमा लिया गया। जबकि सैनिक रामनरेश त्रिपाठी को कई महीनों में थोड़े ही दिनों की छुट्टियाँ मिलती है और ये छुट्टियां भी अधिकारियों के चक्कर काटने मे खत्म हो जाती हैं लेकिन सैनिक की इस समस्या से किसी को कोई लेना देना नही है।

सैनिक की बात कलेक्टर भी नही सुनते 
सैनिक रामनरेश त्रिपाठी ने बताया कि कई बार लिखित शिकायत पत्र देकर सीमांकन और कब्जा हटवाने के लिए अवगत कराया गया है लेकिन जिला कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने न तो सैनिक की बात सुनी और न ही सैनिक के बीमार और वृद्ध पिता की बात सुनी और उल्टा ही सैनिक के पिता पर राजस्व प्रकरण बनाकर निराकरण करने की बजाय आये दिन कार्यालय के चक्कर कटवा रहे हैं।  ऐसे में सबसे बड़ा प्रश्न यह उठता है कि जो सैनिक देश की सेेवा करने में तैनात है उसी का परिवार ही सुरक्षित नही हैै तो ऐसे में इन अफसरशाही करने वाले अधिकारियों की वजह से देश के अन्दर आम नागरिक किस तरह से रहने मजबूर हैं।

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