INDORE हज कमिटी के चेयरमैन गणेशोत्सव में क्या आए बवाल मच गया

इंदौर। ईद के मौके पर सभी समुदायों के नेता मुसलमानों के बीच जाते हैं। ना केवल ईद की बधाई देते हैं बल्कि सिर ढककर और कई बार मुस्लिम टोपी पहनकर सज़दा भी करते हैं परंतु यहां मप्र हज कमिटी के चेयरमैन गणेशोत्सव में क्या शामिल हुए सोशल मीडिया पर बवाल मच गया। उनका वीडियो वायरल हो रहा है। कुछ कट्टवादी उनके इस कदम को धर्मविरोधी करार दे रहे हैं। इधर दूसरे धड़े ने भी मोर्चा संभाल लिया है। वो साम्प्रदायिक सद्भाव के लिए कट्टरवादियों को बेधड़क जवाब देकर सोशल मीडिया से खदेड़ रहे हैं। 

मप्र हज कमिटी के चेयरमैन इनयात हुसैन दो दिन पहले गांधी हॉल में आयोजित इंदौर का राजा गणेशोत्सव पंडाल में आए थे। यहां उन्होंने भगवान श्रीगणेश को प्रणाम किया एवं उनका हिंदू रीति रिवाज के अनुसार स्वागत सत्कार किया गया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर डाल दिया गया। इसके बाद से ही मुस्लिम समाज में उनका विरोध शुरू हो गया है। हालांकि इसको लेकर इनायत हुसैन का कहना है कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है। आपसी भाईचारा निभाने के उद्देश्य से वह वहां गए थे। यदि उन्होंने कोई गुनाह किया है तो इसकी सजा खुदा उन्हें देगा। यही नहीं इनायत हुसैन खुद को बीजेपी का कार्यकर्ता बताते हुए कह रहे हैं कि यदि पार्टी इसे गलत मानती है, तो पार्टी उन्हें निलम्बित कर सकती है।

हालांकि उनकी ही पार्टी के नेता इनायत हुसैन द्वारा की गयी गणेश पूजा को गलत और इस्लाम के खिलाफ मान रहे हैं। मप्र अल्पसंख्यक मोर्चा के उपाध्यक्ष नासिर शाह के मुताबिक इस्लाम खुदा के आलावा किसी अन्य की पूजा करने की इजाजत नहीं देता। इस्लाम में पूजा पद्धति का कोई स्थान नहीं है। ऐसे में इनायत हुसैन ने ऐसा क्यों किया, ये समझ से परे है। ये उनका निजी मामला हो सकता है, लेकिन बीजेपी का इससे कोई लेना देना नहीं है।

क्या कहते हैं धर्म विशेषज्ञ
इस्लाम के जानकर अजीज खान नासिर हुसैन की इस सोच से कोई ताल्लुक नहीं रखते हैं। उनका मानना है कि देश में लगभग 25 करोड़ मुसलमान रहते हैं। यहां सदियों से रहते आये हैं और कई पीढ़ियां भी गुजर चुकी हैं। ऐसे में यहां अल्लाह, भगवान या गणेशजी की पूजा का कोई मुद्दा नहीं है, ये सिर्फ श्रद्धा का मामला है। इनायत हुसैन हज कमिटी के चेयरमैन हैं, वो यदि किसी पंडाल में जाकर पूजा करते हैं, तो इसमें कुछ गलत नहीं है।

कुरान में ऐसा कहीं नहीं लिखा
अजीज खान के मुताबिक कुरान में ऐसा कहीं उल्लेख नहीं है कि आप मस्जिद में ही जाकर सजदा करेंगे। किसी और इश्वर को मानना नहीं मानना आपके दिल की बात है, लेकिन वहां श्रद्धा का जो भाव होता है, वह हर हिन्दुस्तानी में होना चाहिए। इनायत का विरोध करने वाले कट्टरपंथी हैं, वो बेबुनियाद फतवे जारी करते हैं और हिन्दू और मुसलमान हो लड़ाने का काम करते हैं। यह इनका शिगूफा है और अपने आप को हाईलाइट करना चाहते हैं, इस वजह से ऐसी बात कर रहे हैं।

जो हिंदू दरगाह पर सिर झुकाए हम उसे अच्छा मानते हैं
वहीं हिन्दू धर्म गुरु अखिल भारतीय संत समिति के मप्र महामंत्री राधे-राधे बाबा का मानना है कि ईश्वर की पूजा कोई भी कर सकता है। हिन्दू भी दरगाह पर जाता है। आराधना करना कोई बुरी बात नहीं है। वो राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त व्यक्ति हैं, उन्हें हर स्थान पर जाना होता है। इससे आपसी सौहार्द की भावना प्रकट होती है। ऐसे में इनायत हुसैन ने जो किया है वह बहुत अच्छा किया है। ऐसे धार्मिक काम में किसी को विरोध नहीं करना चाहिए।

किसी भी मजहब में पूजा-अर्चना या इबादत के लिए किसी तरह की रोक टोक नहीं है। इंसान अपनी श्रद्धा के अनुसार किसी की भी पूजा-अर्चना कर सकता है। लेकिन बड़े पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा धार्मिक सौहार्द पेश करने पर खुश होने के स्थान पर नाराज होने वाले ये वो लोग हैं, जो देश में आपसी भाईचारा नहीं देखना चाहते और अब उनके चेहरे भी उजागर हो रहे हैं।

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