रोहिंग्या मुसलमान INDIA के लिए खतरा, कोर्ट इस मामले से दूर रहे: मोदी सरकार

नई दिल्ली। म्यांमार से भागकर भारत में आ रहे रोहिंग्या मुसलमानों के संदर्भ में मोदी सरकार ने अपनी नीति स्पष्ट कर दी है। सुप्रीम कोर्ट में नया हलफनामा दाखिल करते हुए सरकार ने कहा कि रोहिंग्या मुसलमान भारत के लिए खतरा हैं। उन्हे नागरिकता नहीं दी जा सकती। साथ ही यह भी कहा कि कोर्ट इस मामले से दूर रहे। बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत एक वर्ग ऐसा है जो चाहता है कि रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में उचित स्थान और सुविधाएं दी जाएं। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है कि भारत सरकार उन्हे शरण दे। 

केंद्र ने अदालत से कहा है कि रोहिग्याओं का भारत में रहना गैरकानूनी है। इन्हें भारतीय नागरिकों की तरह संवेधानिक अधिकार नहीं दिए जा सकते। अदालत इस मामले से दूर रहे। इसमें आगे यह भी कहा गया है कि कुछ रोहिंग्या अवैध और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं मसलन हवाला और हुंडी के जरिए धन एकत्रित करना, दूसरे रोहिंग्याओं के लिए फर्जी पहचान बनाना साथ ही मानव तस्करी करना। मामले में अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को होगी।

इससे पहले केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में जो हलफनामा दाखिल किया था उसे होल्ड पर रखने की अपील करते हुए कहा था कि वो अंतिम नहीं हैं। उसमें इन लोगों को देश की सुरक्षा के लिए खतरा करार दिया था। सरकार का कहना था कि रोहिंग्या मुस्लिमों को भारत में रहने नहीं दिया जा सकता। हलफनामे में कहा गया था कि सरकार को खुफिया एजेंसी को मिली जानकारी के अनुसार रोहिंग्या मुस्लिम आतंकियों से मिले हुए हैं।

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