GMC रैगिंग: सीनियर की पोस्ट पर कमेंट किया, इसलिए हुई पिटाई

भोपाल। गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) में एमबीबीएस 2017 बैच के स्टूडेंट्स के साथ यूजी फर्स्ट इयर 2016 बैच के चार छात्रों द्वारा की गई मारपीट के मामले का खुलासा हो गया है। यह रैगिंग इसलिए की गई क्योंकि जूनियर ने वाट्सएप ग्रुप में अपने सीनियर की पोस्ट पर कमेंट कर दिया था। यह खुलासा पुलिस की जांच में हुआ है। पुलिस इसे मारपीट बोल रही है। रैंगिंग विरोधी नियमों के तहत अभी कार्रवाई प्रचलन में नहीं आई है। 

पुलिस ने जांच रिपोर्ट के आधार पर जूनियर्स से मारपीट करने वाले चार सीनियर्स के खिलाफ बांड अोवर भराए जाने की कार्रवाई करने का प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेजा है। एएसपी (जोन -3) राजेश सिंह भदौरिया ने बताया कि जीएमसी में स्टूडेंट्स के वाट्सएप ग्रुप में की गई एक पोस्ट पर जूनियर द्वारा कमेंट करने से हुई थी। इस ग्रुप में एमबीबीएस 2016 और 2017 बैच के 48 स्टूडेंट्स सदस्य थे। फर्स्ट इयर सीनियर बैच के एक छात्र ने ग्रुप में की गई पोस्ट से नाराज होकर अपने जूनियर को सार्वजनिक रूप से देख लेने की धमकी भी दी थी। इसके कुछ दिनों बाद ही सीनियर बैच के 4 स्टूडेंट्स ने बी-ब्लाक हॉस्टल में रह रहे जूनियर्स को देर रात छत पर बुलाकर उन्हें प्रताड़ित करने पीटा भी था। इससे नाराज होकर जूनियर बैच के स्टूडेंट्स ने सीनियर्स को सबक सिखाने नेशनल एंटी रैगिंग हेल्प लाइन में खुद की रैगिंग होने की शिकायत की थी। 

वाट्सएप ग्रुप में हैं 48 स्टूडेंट 
जीएमसी के एमबीबीएस ओल्ड और न्यू बैच के 48 स्टूडेंट्स ने आपस में बात करने के लिए वाट्सएप ग्रुप बनाया था। इस ग्रुप के सभी स्टूडेंट्स बी ब्लाक हॉस्टल में रहते हैं। गांधी मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. एमसी सोनगरा ने रैगिंग मामला सामने आने के बाद चार सीनियर स्टूडेंट्स काे हॉस्टल और कॉलेज से पुलिस की जांच पूरी होने तक के लिए निलंबित कर दिया था। कॉलेज प्रशासन ने रैगिंग मामले में स्टूडेंट्स की भूमिका संदिग्ध मानते हुए यह कार्रवाई की थी। 

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