गरीबों को FREE बिजली कनेक्शन: मोदी की महत्वाकांक्षी ​योजना लांच

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्म शताब्दी के मौके पर सौभाग्य बिजली योजना लॉन्च की। 16,320 करोड़ की इस योजना का मकसद हर घर बिजली पहुंचाना है। मोदी ने ओएनजीसी के हेडक्वार्टर का भी इनॉगरेशन किया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार एक रुपया लिए बिना गरीबों को बिजली कनेक्शन देगी। ओएनजीसी में ऊर्जा भवन के इनॉगरेशन के बाद मोदी ने कहा, " भवन देखकर ऐसा लगा कि पीएम बनने की बजाय यहां आता तो अच्छा होता। लेकिन, बहुत-सी चीजें मेरे नसीब में नहीं हैं।

एक भी रुपया लिए बिना बिजली कनेक्शन देगी सरकार
मोदी ने कहा, ‘‘सरकार गरीब के घर आकर बिजली कनेक्शन देगी। कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा। सरकारी दफ्तरोें के चक्कर लगाने वाले गरीब को सरकार बिना एक भी रुपया लिए बिजली कनेक्शन देगी। हर घर में बिजली कनेक्शन के लिए 16 हजार करोड़ का खर्च होगा। यह परिवारों में रोशनी लाने के लिए है। इसका बोझ किसी गरीब पर नहीं डाला जाएगा। गरीब को सौभाग्य देने का संकल्प हम सिद्ध करके रहेंगे। संकल्प करें, सिद्ध भी करें।

क्या है सौभाग्य योजना?
इसका पूरा नाम प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना - साैभाग्य है। इसके तहत सभी राज्यों में मौजूद हर घर तक 31 मार्च 2019 तक बिजली पहुंचाने का टारगेट रखा गया है। हालांकि, पेट्रोलियम मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान और पावर मिनिस्टर आरके सिंह का कहना है कि दिसंबर 2018 तक इस टारगेट को पूरा कर लिया जाएगा।

यह योजना उन 18 हजार गांवों तक बिजली पहुंचाने की स्कीम से जुड़ी है जिसे 2018 तक पूरा करने का टारगेट रखा गया था। इसका टारगेट भी रिवाइज कर दिसंबर 2017 की डेडलाइन रखी गई है। चूंकि इस योजना में गांवों को कवर किया जाना है, इसलिए घरों को कवर करने के लिए सौभाग्य योजना लाई गई है।

कैसे होगी सौभाग्य योजना की फंडिंग?
यह योजना 16,320 करोड़ रुपए की है। इसमें केंद्र सरकार 60% की मदद करेगी। स्पेशल कैटेगरी में आने वाले राज्यों के लिए केंद्र से 85% मदद दी जाएगी। योजना में 10% कॉन्ट्रिब्यूशन राज्य सरकारों का होगा। बाकी की 30% फंडिंग फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशंस और बैंकों से कर्ज लेकर होगी। गांवों में मौजूद घरों तक बिजली पहुंचाने के लिए 14 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। 1700 करोड़ रुपए शहरी इलाकों के घरों तक बिजली पहुंचाने के लिए खर्च होंगे।

किसे मिलेगा हर घर बिजली योजना का फायदा?
बिजली के फ्री कनेक्शन मुहैया कराने के लिए सामाजिक, आर्थिक और जाति जनगणना 2011 के आंकड़ों का इस्तेमाल किया जाएगा। यानी इस सेंसस में शामिल उन परिवारों या घरों को इस योजना का फायदा मिलेगा, जिनकी पहचान बिना बिजली कनेक्शन वाले घरों के रूप में की गई है। योजना के तहत सरकार ट्रांसफॉर्मर, बिजली के तार, खंभे लगाने में भी मदद करेगी।
जो 2011 की जनगणना में शामिल नहीं था, क्या उसे हर घर बिजली योजना का फायदा नहीं मिलेगा? जो घर या परिवार 2011 की जनगणना में शामिल नहीं हो सके थे, यानी दूसरे शब्दों में जो गरीबी रेखा से ऊपर हैं, वे भी 500 रुपए देकर बिजली कनेक्शन हासिल कर सकेंगे। 500 रुपए की यह रकम भी एकमुश्त नहीं देनी होगी। यह बिजली के बिलों से 10 किस्तों में वसूली जाएगी। यानी किस्त 50 रुपए महीने की होगी।

योजना के तहत क्या मिलेगा?
एक LED लाइट और एक चार्जिंग प्वाइंट मिलेगा। बिजली कनेक्शन पर स्मार्ट मीटर लगेगा। यह प्री-पेड कनेक्शन होगा। यानी आपके बिजली कनेक्शन को भी मोबाइल या डीटीएच कनेक्शन की तरह मोबाइल से रिचार्ज कर सकेंगे। यह रिचार्ज भीम ऐप से करा सकेंगे।

किन राज्यों में है फोकस?
सौभाग्य योजना के तहत उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, झारखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तरी राज्य पर फोकस किया गया है।

सुदूर इलाके में मौजूद घरों तक बिजली कैसे पहुंचेगी?
ऐसे घरों के लिए सौभाग्य योजना के तहत बैट्री बैंक मुहैया कराया जाएगा। साथ ही 200 से 300 WP (वॉट्स पीक) का सोलर पावर पैक भी दिया जाएगा। इस पावर पैक में 5 LED लाइट, एक पंखा, एक पावर प्लग और 5 साल के लिए मेनटेनेंस सर्विस दी जाएगी।

सौभाग्य योजना पर अमल कैसे होगा?
हर घर का मोबाइल ऐप से सर्वे किया जाएगा। जिन्हें योजना का फायदा मिलना है, उनकी पहचान कर उनसे मौके पर ही बिजली कनेक्शन की एप्लिकेशन ली जाएगी। ऐप के जरिए ही उनके घर पर उनका फोटो और आईडी स्टोर कर लिया जाएगा।

मोदी सरकार आखिर क्यों सौभाग्य योजना लाई है?
सरकार का कहना है कि हर घर में बिजली होगी तो इससे केरोसिन के इस्तेमाल में कमी लाई जा सकेगी। एजुकेशन, हेल्थ सर्विसेस में सुधार आएगा। हर घर तक रेडियो, टीवी, मोबाइल की कनेक्टिविटी बढ़ेगी। इससे इकोनॉमिक एक्टिविटी और इम्प्लॉयमेंट बढ़ेगा। खासकर महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार होगा।

सरकार क्या चाहती है
इस योजना को पूरा करने का टारगेट मार्च 2019 का रखा गया है। उसी वक्त लोकसभा चुनाव होंगे। लिहाजा, इसे आप चुनावी योजना भी मान सकते हैं। जिन राज्यों को इस योजना के फोकस में रखा गया है, उनमें से मध्य प्रदेश और राजस्थान में अगले साल चुनाव हैं। वहीं, यूपी ऐसा राज्य है जहां बीजेपी-एनडीए को 2014 में सबसे ज्यादा 73 लोकसभा सीटें मिली थीं। इन राज्यों में जम्मू-कश्मीर भी शामिल है, जिसे मुख्यधारा में लाने के लिए मोदी सरकार खासतौर पर जोर दे रही है।

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