DAMOH में हुआ बारूदी विस्फोट, मकान ढहा, मासूम की मौत

रमज़ान खान/ दमोह। जिले के मडिय़ादो थाना क्षेत्र के इंदिरा कॉलोनी में मंगलवार की सुबह एक मकान में हुए तेज धमाके से पूरा गांव दहल उठा। धमाके की आवाज़ सुनकर जब गांव के लोग दौड़ कर पहुंचे तो एक मकान पूरी तरह ढह चुका था। हर तरफ धुआं और बारुद की महक उनकी नाकों तक पहुंच रही थी। धमाके की वजह से मकान की दीवार गिरने से दो साल के मासूम बच्चे की मौत हो गई। बताया गया है कि धमाके की आवाज़ इतनी तेज थी कि जिसने भी ये आवाज़ सुनी उसने अपने हांथो से अपने कानों को ढक लिया। जब ग्रामीण मकान के पास मदद के लिए पहुचे तो वहां एक दो साल के बच्चे की माँ की रोने की चींखें सुनाई दे रहीं थी। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार मडिय़ादो के इंदिरा कॉलोनी निवासी हरिचरण कड़ेरा के घर में तेज विस्फोट हुआ। घटना में माखन कड़ेरा के दो वर्षीय मासूम पुत्र रूपेश के ऊपर मकान की दीवार गिरने से मौत हो गई। लोगों के बताए अनुसार मकान गांव के ही हरिचरण कड़ेरा का है, जिसमे वह लाइसेंसी बारूद का काम करता था, जिस समय ये हादसा हुआ उस वक्त हरिचरण कॉलोनी के अपने घर में पटाखे बना रहा था। तभी ये हादसा हो गया। जिसमे उसके नाती रूपेश की मौत हो गई। उक्त घटना से पूरे क्षेत्र में मातम पसरा हुआ है। वहीं मड़ियादों पुलिस पूरे घटना क्रम की गंभीरता से जांच कर रही है।

इस घटना के बाद हरिचरण कड़ेरा का कहना है कि धमाका बारूद से नहीं हुआ है। विद्युत मीटर फटने के बाद धमाका हुआ जिससे यह हादसा हुआ। घटना की सूचना मिलने के बाद मडिय़ादो पुलिस मौके पर पहुंची पुलिस को दीवार व आसपास पटाखों की जली हुई सामग्री मिली है। पुलिस के अनुसार जांच की जा रही है कि आबादी के बीच पटाखा क्यों बना रहा था। गौरतलब है कि पटाखा के जिन्हें भी लाइसेंस दिए गए हैं, उनके कारखाने व गोदाम आबादी से दूर रखी जाती हैं। हरिचरण को भी लाइसेंस इसी शर्त पर दिया गया था, लेकिन विस्फोट के बाद ढहे मकान में मिली सामग्री से यह प्रतीत हो रहा है कि हरिचरण चोरी छिपे आबादी के बीच ही पटाखा बनाने का काम कर रहा था। जिसमें वह अपने नाती को खो बैठा है। 

पुलिस का कहना है कि मौके पर एफएसएल टीम बुलाई जा रही है, जिसमें पटाखा बनाए जाने के प्रमाण मिलेंगे तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इधर हरिचरण के घर में मासूम की मौत और धमाके के बाद महिलाओं का बुरा हाल है मासूम की मां और उसका पिता सदमे में आ गए हैं। वहीं आसपास शोक व दहशत का मिश्रित वातावरण इसलिए छाया हुआ है कि धमाका इतना तीव्र था जिसके भी कानों में पड़ा वह दहल उठा था।

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