विवादों में घिरा तारक मेहता का उल्टा चश्मा, BAN करने की मांग

घर-घर का फेवरेट शो 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' पर मुसीबत के बादल मंडरा रहे हैं. शो को विवाद के चलते बैन करने की मांग उठ रही है. सिख समुदाय दयाबेन और जेठालाल के शो के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है. उन्होनें शो पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने का आरोप लगाया है. गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के चीफ कृपाल सिंह बादुंगर ने अपने एक बयान में कहा, इस शो ने सिखों की धार्मिक भावनाओं को भड़काया है. सिख गुरू गोविंद सिंह के जीवित स्वरुप को इस तरह दिखाना उनका अपमान है. ऐसा करना सिख सिद्धांतों के खिलाफ है. कोई भी एक्टर अपने आप को गुरू गोविंद सिंह के समान कैसे दिखा सकता है. यह गलती माफी के लायक नहीं है. SGPC चीफ ने शो के राइटर और डायरेक्टर को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि टीवी पर इस तरह का कंटेट ना दिखाया जाए.

तारक मेहता का उल्टा चश्मा 28 जुलाई, 2008 से प्रसारित हो रहा है. 9 सालों से अब तक यह शो दर्शकों को एंटरटेन कर रहा है. यह टीआरपी में टॉप-10 शोज में काबिज रहता है. शो के मेन करेक्टर दया भाभी और जेठालाल की केमिस्ट्री को दर्शक खूब पसंद करते हैं.

बता दें, हाल ही में एक एपिसोड में गणपति पूजा के दौरान शो का एक एक्टर सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह की भूमिका में नजर आया था. इस एपिसोड के बाद से सिख समुदाय गुस्से में है. उनका कहना है कि कोई भी जीवित व्यक्ति कैसे गुरू का स्वरूप धारण कर सकता है? अब देखना यह होगा कि इस मामले में आगे क्या नया मोड़ आता है. हालांकि इस बात की राहत है कि मामले को अभी तक कोर्ट में नहीं घसीटा गया है.

हालांकि यह पहला शो नहीं है जिसे बैन करने की मांग उठी है. इससे पहले भी सोनी के शो पहरेदार पिया की को उसके कंटेंट की वजह से विरोध का सामना करना पड़ा था. इस मामले में सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी को शो बैन करने की अपील भेजी गई. जिसके बाद शो की टाइमिंग को बदला गया. लेकिन प्राइम टाइम स्लॉट ना होने के कारण शो को कम टीआरपी की मार झेलनी पड़ी. आखिर में शो के मेकर्स ने इसे बंद करने का फैसला किया. फिलहाल खबर है कि यह शो दोबारा से नए कंटेंट के साथ वापस लौटेगा.
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