ACS जुलानिया और CS बसंत प्रताप के बीच POWER BATTLE शुरू

भोपाल। मध्यप्रदेश की नौकरशाही में अब एक बड़ी लड़ाई शुरू हो रही है। एक तरफ हैं सबसे शक्तिशाली पद पर बैठे मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह और दूसरी तरफ मप्र के सबसे ताकतवर हो चुके आईएएस राधेश्याम जुलानिया। बीच में हैं, मध्यप्रदेश के सभी जिलों में पदस्थ कलेक्टर्स। मुद्दा है कौन कितना ताकतवर है, मध्यप्रदेश के कलेक्टर में किसके नाम की दहशत है। दो बड़े नौकरशाहों के बीच ताकत की इस लड़ाई का शंखनाद हुआ गुरूवार 21 सितम्बर को। ऐलान मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह ने आॅन रिकॉड किया है। अब देखना है राधेश्याम जुलानिया क्या करते हैं। 

मामला परख कार्यक्रम के तहत होने वाली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का है। जिसे मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह संबोधित करने वाले थे। ठीक इसी समय पर ग्रामीण विकास विभाग के एसीएस राधेश्याम जुलानिया ने सभी कलेक्टर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर बुला लिया। चौंकाने वाली बात यह है कि सारे के सारे कलेक्टर्स जुलानिया के वीसी में चले गए। मुख्य सचिव के स्वागत के पूरे प्रदेश में सिर्फ एक डिप्टी कलेक्टर उपलब्ध था। यह देखते ही मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह भड़क उठे। उन्होंने स्क्रीन पर दिख रहे एक जिले के डिप्टी कलेक्टर से पूछा कि तुम ही बता दो, सब कहां हैं? इस पर उन्हें बताया गया कि ग्रामीण विकास विभाग के एसीएस राधेश्याम जुलानिया सभी कलेक्टर की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ले रहे हैं।

यह सुनकर मुख्य सचिव और तमतमा गए। उन्होंने कहा कि अच्छी बात है कि आप लोग ग्रामीण विकास को इतना महत्व दे रहे हो, लेकिन जब मैंने परख कार्यक्रम बुलाया था तो क्या वहां जिला पंचायत सीईओ को नहीं भेज सकते थे? इतनी देर में कुछ कलेक्टर बैठक में पहुंच गए। मुख्य सचिव ने कलेक्टर्स से पूछा कि मुझसे ज्यादा जुलानिया से डर लगता है क्या? आज के बाद ऐसा हुआ तो सख्त कार्रवाई करुंगा। इसके बाद बैठक की कार्रवाई हुई परंतु बसंत प्रताप अंत तक नाराज रहे। 

इस मामले में यह तो कहा ही नहीं जा सकता कि मुख्य सचिव की वीसी के बारे में जुलानिया को कुछ पता ना हो। तो क्या जुलानिया ने मुख्य सचिव के टाइम पर अपनी मीटिंग बुलाकर शक्तिप्रदर्शन किया है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि प्रदेश भर के एक भी कलेक्टर ने क्या जुलानिया को नहीं बताया कि जिस टाइम पर वो मीटिंग बुला रहे हैं, उसी टाइम पर मुख्य सचिव ने भी बुलाई है। 

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