कर्मचारी ने माता पिता की सेवा नहीं की तो वेतन कटेगा: AASAM में कानून लागू

नई दिल्ली। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा करा रही है परंतु असम सरकार ने बुजुर्गों के हित में एक बड़ा कदम उठाया है। एक कानून पारित किया गया है जिसके तहत यदि कोई सरकारी कर्मचारी अपने माता पिता या दिव्यांग भाई-बहनों की सही तरीके से देखभाल नहीं करता सरकार उसकी सैलरी में से हर महीने एक तय रकम काट लेगी। यह पैसा उस कर्मचारी के पैरेंट्स या दिव्यांग भाई-बहनों पर खर्च की जाएगी। बता दें कि इस तरह का कानून बनाने वाला असम देश का पहला राज्य है। 

शुक्रवार को इस कानून पर असेंबली में चर्चा हुई। चर्चा के दौरान राज्य के फाइनेंस मिनिस्टर हेमंत बिस्व शर्मा ने कहा- हमारी सरकार को ये मंजूर नहीं कि कोई भी शख्स अपने बुजुर्ग मां-बाप को ओल्ड एज होम में छोड़कर जाए। दिव्यांग भाई-बहनों के लिए भी हम यही चाहते हैं।  शर्मा ने दावा किया कि बुजुर्गों से जुड़ा इस तरह का कानून बनाने वाला असम देश का पहला राज्य है। शर्मा के मुताबिक- शुरुआत में इस कानून के दायरे में सिर्फ सरकारी कर्मचारियों को रखा गया है। लेकिन जल्द ही प्राईवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों को भी इसमें शामिल किया जाएगा।

असम सरकार ने वादा पूरा किया
बता दें कि असम सरकार ने बजट सेशन में इस तरह का बिल लाने का वादा किया था। सरकार का कहना था कि असम के कई ओल्ड एज होम से इस तरह की शिकायतें मिल रही हैं कि अच्छी नौकरी पाने वाले सरकारी कर्मचारियों ने भी पैरेंट्स को छोड़ दिया। फरवरी में सीएम सर्बानंद सोनोवाल ने कहा था कि उनकी सरकार इस मसले को गंभीरता से ले रही है और इस सोशल प्रॉब्लम को दूर करने के लिए कानून बनाया जाएगा। अब असम सरकार के कर्मचारियों को डीटेल में अपने पैरेंट्स और दिव्यांग भाई-बहनों की जानकारी डिपार्टमेंट को देनी होगी।

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