राजस्थान में अब कुछ नया नहीं होगा, सारे अफसर जो बूढ़े हो गए

अंकित दुबे/भोपाल समाचार/जयपुर। मोदी का इंडिया तेजी से बदल रहा है लेकिन राजस्थान में अब कुछ नया नहीं होगा क्योंकि राजस्थान की प्रशासनिक मशीनरी के पास कुछ नया करने की उम्र नहीं रही। वो बूढ़ी हो गई है। जी हां, राजस्थान के 50 प्रतिशत से ज्यादा नौकरशाह बुढ़ाने की दहलीज पर आ गए हैं। जबकि युवाओं की संख्या मात्र 10 है। एक रिपोर्ट बताती है कि 54%आईएएस, 47% आईपीएस और 50% आईएफएस अफसर 50 साल की आयुसीमा पार कर चुके हैं। अब उनके पास इतना अनुभव है कि वो इससे ज्यादा शायद ही कुछ कर पाए। अत: अगले कुछ साल जब तक कि ये वरिष्ठ रिटायर नहीं हो जाते, राजस्थान पुराने ढर्रों पर ही चलता रहेगा। 

राजस्थान कॉडर के 54 फीसदी आईएएस अफसरों की उम्र 50-60 साल के बीच है। सरकार में मात्र 10 अफसर ऐसे हैं जो 30 साल तक के हैं। आईपीएस और आईएफएस अफसरों का भी करीब-करीब यही हाल है। जहां आईएफएस के 50 फीसदी अफसर इस आयु सीमा के दायरे में रहे हैं।  वहीं आईपीएस अफसरों का प्रतिशत 47 है। राजस्थान प्रशासनिक सेवा के 893 में से 372 अफसर इस आयु सीमा के बीच हैं। 

राज्य के विभिन्न संवर्ग के अफसरों की उम्र का स्कैन करने पर ब्यूरोक्रेसी और पुलिस अफसरों की यह तस्वीर निकली है। स्थिति यह है कि आईएएस कोटे में 54 अफसरों की उम्र 30 से 40 साल के बीच की है। 40-50 बरस के बीच के अफसरों की संख्या 48 हैं। वहीं राज्य प्रशासनिक सेवा के सर्वाधिक 486 अफसर ऐसे हैं जिनकी आयु 30-50 साल के बीच है। 

जेनरेशन गेप बड़ी समस्या
राजस्थान की सबसे बड़ी प्रशासनिक समस्या है जनरेशन गेप। यहां राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी तो जवान हैं परंतु आईएएस नौकरशाह बूढ़े होते जा रहे हैं। एक तो आईएएस और ऊपर से वरिष्ठ। संभव ही नहीं है कि उसके सामने राप्रसे के युवा अधिकारी को अपनी बात रखने का मौका तक मिल पाए। दरअसल, 50 की उम्र तक आते आते आईएएस अफसर अपने अधीनस्थों पर चाबुक चलाने की चतुराई पूरी तरह समझ जाते हैं। इस उम्र के ज्यादातर लोग अपने अर्जित अनुभव के अनुसार चलना चाहते हैं और चैलेंस स्वीकार करने के मूड में ही नहीं होते। 

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