सिगरेट और तंबाकू बेचने के लिए लाइसेंस लेना होगा!

नई दिल्ली। जल्द ही यह नियम लागू होने वाला है। कारोबारियों को सिगरेट और तंबाकू उत्पाद बेचने के लिए लाइसेंस लेना होगा। इसमें शर्त होगी कि यदि वो सिगरेट और तंबाकू उत्पाद बेच रहे हैं तो इसके अलावा कुछ और नहीं बेच सकते। फिलहाल भारत में सिगरेट की दुकानों पर कोल्डड्रिंक्स, केंडीज, पेटीज और ऐसे ही कई दूसरे गैर तंबाकू वाले उत्पाद भी बेचे जाते हैं। इसके अलावा बहुत बड़ी संख्या ऐसी दुकानों की भी है जो गैर तंबाकू उत्पाद बेचने के लिए खोली गईं हैं परंतु उनमें सिगरेट और तंबाकू उत्पाद भी बेचे जाते हैं। 

स्वास्थ मंत्रालय ने 21 सितंबर को राज्यों को एक पत्र भेजकर कहा है कि वे कोई ऐसी व्यवस्था बनाएं, जिससे सिगरेट और तंबाकू बेचने वाली दुकानों को नगर निगम से इजाजत लेनी पड़े। इसके अलावा सिगरेट की दुकानों में गैर-तंबाकू उत्पादों कोल्ड ड्रिंक, टॉफी और चॉकलेट आदि की बिक्री प्रतिबंधित की जाए। इस पत्र में लिखा कि सिगरेट-तम्बाकू बेचने वाली दुकानों पर कोल्ड ड्रिंक आदि नहीं बेची जानी चाहिए। इसके पीछे कारण बताते हुए लिखा गया कि इससे धूम्रपान न करने वाले लोग भी इन दुकानों पर जाकर धूम्रपान करने को आकर्षित होते हैं।

मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार अरुण झा ने बताया कि पत्र में कहा गया है कि राज्य सरकारों को सिगरेट, बीड़ी, गुटखा और खैनी बेचने वाली दुकानों को एक नियम के दायरे में लाकर लाइसेंस देना चाहिए। इससे सरकार को पता चल सकेगा कि कितनी दुकान सिगरेट आदि बेचने के लिए पंजीकृत हैं।

झा ने कहा कि इस कदम का मकसद है कि लोग खासकर बच्चे और युवा हानिकारक पदार्थों से दूर रहें। मंत्रालय का मानना है कि अगर कोई सिगरेट न पीने वाला व्यक्ति ऐसी दुकानों पर कोल्ड-ड्रिंक या टॉफी लेने जाता है, तो वो भी सिगरेट के प्रति आकर्षित हो सकता है। साल 2009 में किए गए ग्लोबल युवा तंबाकू सर्वेक्षण के मुताबिक, भारत में उच्च माध्यमिक विद्यालयों (कक्षा 8, 9 और 10) में पढ़ने वाले 14.6 फीसद छात्रों ने माना था कि वे किसी न किसी रूप में तंबाकू का इस्तेमाल करते हैं।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !