मप्र पटवारी भर्ती नियम तैयार, 9160 रिक्त पदों के लिए

वैभव श्रीधर/भोपाल। विधानसभा चुनाव से पहले होने वाली बड़ी भर्ती परीक्षाओं में से एक पटवारी भर्ती के लिए सरकार ने नियम तैयार कर लिए हैं। इसमें बड़ा बदलाव करते हुए पटवारी बनने के लिए शैक्षणिक योग्यता स्नातक रखी गई है। अभी तक पटवारी बनने के लिए 12वीं पास होना जरूरी था। इसके साथ ही सीपीसीटी (कम्प्यूटर प्रोफिशिएंसी सर्टिफिकेशन टेस्ट) पास होने की अनिवार्यता नहीं रहेगी। इसकी जगह चयनित उम्मीदवार को दो साल के भीतर कम्प्यूटर दक्षता हासिल करनी होगी। 9 हजार 160 पदों की भर्ती के लिए एक पखवाड़े के भीतर विज्ञापन जारी हो सकता है।

सूत्रों के मुताबिक राजस्व प्रशासन को दुरुस्त करने के लिए पटवारियों के सभी खाली पदों पर भर्ती करने का फैसला सरकार ने किया है। इसके लिए प्रस्ताव प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) को भेजा जा चुका है। बोर्ड ने परीक्षा कराने की सहमति दे दी है।

राजस्व विभाग ने नियमों का मसौदा बोर्ड को भेज दिया है। इसमें शैक्षणिक योग्यता के दायरे को बढ़ाते हुए स्नातक किया गया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पहले की तुलना में अब काम की प्रकृति बदल गई है। तकनीक का इस्तेमाल बढ़ा है। गिरदावरी से लेकर जमीन के सीमांकन तक का काम मशीनों से हो रहा है। रिर्पोटिंग सिस्टम पूरी तरह हाईटेक हो चुका है।

प्रदेश में शिक्षा का स्तर भी बढ़ा है, इसलिए 12वीं की जगह अब भर्ती के लिए स्नातक उत्तीर्ण युवा ही पात्र होंगे। सीपीसीटी की अनिवार्यता में भी छूट दी जाएगी, ताकि ज्यादा से ज्यादा युवा भर्ती परीक्षा में हिस्सेदारी कर सकें। चयनित उम्मीदवारों को दो साल में कम्प्यूटर दक्षता हासिल करनी होगी।

गृह तहसील में पदस्थापना नहीं
पहली बार भर्ती के लिए जारी होने वाली आवेदन पुस्तिका में यह बात साफ कर दी जाएगी कि पटवारी को गृह तहसील में नियुक्ति नहीं मिलेगी। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि वैसे तो ये सेवा नियम का मामला है पर किसी को इसको लेकर असमंजस न रहे, इसलिए भर्ती संबंधी आवेदन में इसे स्पष्ट कर दिया गया है।

नियम भेज दिए हैं
राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव अरुण पांडे ने बताया कि पटवारी भर्ती के लिए नियम पीईबी को भेज दिए हैं। शैक्षणिक योग्यता में भी बदलाव किया है। भर्ती प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी

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