खुले में शौच करने वाले 43 परिवारों पर 10 लाख से ज्यादा का जुर्माना


बैतूल। बार-बार कहने के बाद भी लोगों ने शौचालय नहीं बनाए और खुले में शौच जाना नहीं छोड़ा तो रंभाखेड़ी ग्राम पंचायत ने 43 परिवारों पर 10 लाख रुपए से अधिक का जुर्माना ठोंक दिया है। ग्रामीणों को नोटिस जारी करते हुए तीन दिन में जुर्माने की राशि जमा करने के लिए कहा गया है। इसमें एक परिवार पर सबसे ज्यादा 75 हजार रुपए का जुर्माना किया गया है। यह परिवार यदि जुर्माने की राशि अदा नहीं करते हैं तो फिर राजस्व विभाग से आरआरसी जारी करवा कर जुर्माने की राशि वसूल की जाएगी। इतना भारी-भरकम जुर्माना करने की पहल जिले में पहली बार हुई है।


हर सदस्य पर हुआ जुर्माना
पंचायत ने जो जुर्माना किया है वह परिवार की सदस्य संख्या के हिसाब से किया है। सबसे अधिक 75 हजार का जुर्माना गांव के कुंवरलाल पिता दयाराम पर हुआ है। इनके परिवार में 10 सदस्य हैं। इसी तरह यदि इन सभी 43 परिवारों में से प्रत्येक परिवार में 3-3 सदस्य हैं तो उस हिसाब से करीब 9 लाख 67 हजार 500 रुपए का जुर्माना इन सभी पर हो रहा है। हालांकि अधिकांश परिवारों में 4 से 5 सदस्य हैं। ऐसे में जुर्माने की राशि भी 10 लाख से अधिक हो सकती है। पंचायत ने ग्राम पंचायत (स्वच्छता, सफाई तथा न्यूसेंस निवारण तथा उपशमन) नियम 1999 के 15 (1) व (2) के तहत न्यूसेंस का उत्तरदायी मान कर यह जुर्माना किया है। इस पंचायत के अंतर्गत 3 गांव आते हैं। इनमें इन 2 गांवों के अलावा केदारखेड़ा भी शामिल हैं।

इस गांव में 104 मकान हैं और इन सभी मकानों में शौचालय निर्माण हो चुका है। इसके साथ ही यह गांव ओडीएफ घोषित किया जा चुका है। इसके विपरीत रंभाखेड़ी और छोटी रंभाखेड़ी गांव में 136 मकान हैं। इनमें से 93 परिवारों ने अभी तक शौचालय निर्माण किया है। शेष 43 परिवारों ने शौचालय नहीं बनवाए हैं। समझाइश के बाद इनमें से भी 20 ने निर्माण करवा लिया। जबकि शौचालय निर्माण के लिए 43 परिवारों के राजी नहीं होने पर यह कार्रवाई की गई।

हमने इसलिए नहीं किया निर्माण
75 हजार रुपए जुर्माने का नोटिस पाने वाले ग्रामीण कुंवरलाल का कहना है कि वे अभी तक यही इंतजार कर रहे थे कि शौचालय का निर्माण पंचायत करेगी। अभी तक पंचायत ने निर्माण नहीं किया और अब अचानक यह नोटिस मिल गया तो उन्होंने तत्काल ही गड्ढे खुदवाकर शौचालय का काम चालू भी कर दिया है। जल्द ही उनका शौचालय बन कर तैयार हो जाएगा। अब यहां-वहां से राशि की व्यवस्था कर शौचालय बनवा रहे हैं।

कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं
बार-बार समझाइश के बाद भी कुछ ग्रामीण शौचालय निर्माण के लिए राजी नहीं हो रहे थे। इसलिए कड़े कदम उठाने के निर्देश पंचायतों को दिए गए हैं। यह नोटिस इसी तारतम्य में दिए गए हैं। अन्य पंचायतों में भी इसी तरह के नोटिस जारी किए जा रहे हैं। 
प्रवीण कुमार इवने, सीईओ, जनपद पंचायत, आमला

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