भारतीय टमाटरों के लिए तरस रहे हैं पाकिस्तानी, 300 रुपए किलो पहुंचे दाम

नई दिल्ली। पाकिस्तान में टमाटर की किल्लत चल रही है। हालात यह हैं कि खुले बाजार में टमाटरों की कीमत 300 रुपए प्रतिकिलो पहुंच गईं हैंं क्योंकि इन दिनों में पाकिस्तान टमाटर के लिए भारत पर निर्भर रहता है। इस बार पाकिस्तान सरकार ने फैसला किया कि वो भारत से टमाटर का आयात नहीं करेगी। नतीजा किल्लत शुरू हो गई। पाकिस्तानी नागरिक भारत के टमाटरों के लिए तरह रहे हैं लेकिन सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही ना ही किसी दूसरे माध्यम से टमाटर की आपूर्ति कर रही है।  

पाकिस्तान के फूड सिक्युरिटी मिनिस्टर सिकंदर हयात बोसान की जिद के कारण पाकिस्तान में टमाटर के लिए हाहाकार मच रहा है। पाकिस्तानी मीडिया एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पाकिस्तान के घरेलू बाजार में काफी दिनों से टमाटर की कमी देखी जा रही है। लिहाजा देश के कई हिस्सों में यह 300 रुपए प्रति किलो तक बिक रहा है। पाक सरकार टमाटर की कमी से निपटने के लिए हर साल भारत से इसका इम्पोर्ट करती रही है। इस बार ऐसा नहीं हुआ जिससे डिमांड-सप्लाई (मांग-आपूर्ति) का बड़ा अंतर पैदा हो गया है। 

अब बलूचिस्तान के टमाटरों पर नजर
मिनिस्टर सिकंदर हयात ने सोमवार को रिपोर्टरों से बातचीत में कहा, "पाक में टमाटर और प्याज का संकट कुछ दिनों में ही खत्म हो जाएगा क्योंकि बलूचिस्तान में इनकी फसलें पकने वाली हैं। हयात ने साफ तौर पर कहा कि सरकार भारत से सब्जियां इम्पोर्ट नहीं करेगी। बता दें कि यह वही इलाका है कि पाकिस्तान की सरकार अपना गुलाम मानती है और उनके नेताओं की हत्याएं करवा दी जातीं हैं। 

सरकार ने फिक्स कर दी कीमत, फिर भी हालात बेकाबू
डॉन अखबार ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि टमाटर की कीमतें लाहौर और पंजाब प्रोविंस में आसमान छू रही हैं। जबकि कुछ दिनों पहले तक यहां टमाटर 100-120 रुपए प्रति किलो बिक रहा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार ने इसकी कीमत 132-140 रुपए प्रति किलो के बीच फिक्स कर दी थी, इसके बावजूद ऐसे हालात हैं।

जमाखारों ने की सरकार की तारीफ
लाहौर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (LCCI) ने मिनिस्टर सिकंदर हयात के इस बयान की तारीफ की है कि सरकार भारत से टमाटर इम्पोर्ट नहीं करेगी। इंडस्ट्री का कहना है कि इस कदम से लोकल किसानों को राहत मिलेगी और पाकिस्तान का फॉरेन एक्सचेंज भी बचेगा। LCCI के प्रेसिडेंट अब्दुल बासित ने कहा, "यह एक सही फैसला है, देश में जनता को खिलाने के लिए काफी रिसोर्सेज हैं। टमाटर की पैदावार करने वालों को ज्यादा से ज्यादा मदद दी जानी चाहिए और उनके मुद्दों को प्रायोरिटी बेसिस पर सुलझाना चाहिए। सरकार को संकट जैसे हालात से निपटने के लिए इसकी पैदावार को बढ़ावा देना चाहिए। दरअसल, ये वही लोग हैं जो जमाखोरी कर रहे हैं और जिन्होंने टमाटरों के दाम 300 रुपए तक पहुंचा दिए हैं। अब टमाटर की पैदावार बढ़ाने के नाम पर सरकारी सहायता भी हड़पना चाहते हैं। 

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