भोपाल। लुटेरी दुल्हन मामलों में अक्सर पुलिस फरियादी को हड़काकर भगा देती है परंतु शाजापुर में पुलिस ने ऐसा नहीं किया। लुटेरी दुल्हन का शिकार हुए दूल्हे की ना केवल फरियाद सुनी गई बल्कि लुटेरी दुल्हन को उसी के जाल में फंसा भी लिया गया। इसके लिए खुद टीआई उदय सिंह ने एक 'आॅपरेशन' प्लान किया। इसके तहत टीआई उदयसिंह नकली बाप बने और आरक्षक अनिल नकली बेटा। फिर टीआई ने दुल्हन के दलालों से अपने बेटे की बात की। बस फिर क्या था लुटेरी दुल्हन और पूरा गिरोह जाल में फंस गया।
दलालों ने टीआई को देवास जिले के बिलावली स्थित मंदिर बुलाया। दुल्हन दिखाने के साथ ही सौदेबाजी तय होना थी। तय समय पर टीआई अपनी टीम के साथ मंदिर पहुंच गए। गिरोह में नकली भाभी संध्या पिता अजय राजपूत देवास, भैया दिनेश पिता शंकरलाल राठौर निवासी खिरकिया, पूजा पति कैलाश राजपूत निवासी छोटा नागदा जिला धार, बीचवान पवन बाई और उसका पति भरतसिंह को गिरफ्तार कर लिया गया।
एसपी शैलेंद्रसिंह चौहान के अनुसार क्षेत्र में नातरा प्रथा के नाम पर दुल्हन की खरीद फरोख्त की शिकायतें सामने आई थी। इसके खुलासे के लिए विशेष टीम बनाकर कार्रवाई की। पकड़ाए 5 आरोपियों में से 3 महिलाएं हैं। लोगों को झांसे में लेने वाले दो षड्यंत्रकारी महेश पिता कन्हैयालाल चौधरी और मेहरबान पिता भूरेसिंह फरार हो गए।
राजस्थान में भी दर्ज है केस
दुल्हन का फर्जी भाई बनकर मंदिरों में शादी कराने वाले दिनेश व पूजा पर राजस्थान के चित्तौड़ में भी अपराध दर्ज है। दिनेश के अनुसार चित्तौड़ में शादी कराने के बदले 10 हजार रुपए के लेन-देन को लेकर प्रकरण चल रहा था। शाजापुर में भी महेश से शादी कराने के लिए 70 हजार रुपए लेने की बात स्वीकार करते हुए कहा लड़की देने के बदले रुपए लिए थे।
यह है मामला
पीड़ित महेश ने कुछ दिन पहले बेरछा पुलिस को शिकायत की थी कि शादी के बदले 70000 रुपए लेकर पत्नी भाग गई है। उसने बताया कि पवनबाई और उसका पति भरतसिंह उसके घर आए और बोले की तुम्हारी पत्नी नहीं है, मेरी नजर में एक अव्छी लड़की है। सुंदर के साथ वह बहुत अच्छी है तुम्हारा अच्छे से ध्यान रखेगी। इस पर वह शादी को तैयार हो गया। दो तीन दिन बाद पवनबाई और उसके पति ने बताय कि लड़की को बुला लिया है आकर देख लो। महेश यहां अपने भाई के साथ पहुंचा। उन्हें पूजा पसंद आ गई तो वे पवनबाई ने पूजा को महेश के साथ भेज दिया और कहा कि एक दो दिन में शादी करवा देंगे।
दो दिन बाद सभी शाजापुर में मिले और पहले शादी का शपथ पत्र भरा फिर यहीं के शिव मंदिर में दोनों की शादी करवा दी। इसके बदले में पवनबाई और अन्य ने उससे 70 हजार रुपए लिए थे। पूजा ने आते ही अपना जादू चलाया और एक दो दिन में ही सबका दिल जीत लिया। तीन दिन तक उससे हमारी अच्छे से सेवा की और चौथे दिन जब सुबह उठा तो वह किसी के साथ बाइक पर जाती दिखी। उसकी यह हरकत देख मैं पूरी बात समझ गया और पुलिस में शिकायत की।
विशेष टीम बनाई और इस तरह फंसाया बदमाशों को
बेरछा में लुटेरी दुल्हन का मामला दर्ज होने के बाद एसपी चौहान ने विशेष टीम का गठन किया। एसडीओपी आर.एस. अंब के नेतृत्व में टीआई अलावा दूल्हे के पिता, आरक्षक अनिल दूल्हा, महिला आरक्षक मंजू बहन बनकर गिरोह के पास पहुंचे। इस पर टीम में शामिल एएसआई केदार पटेल, प्रधान आरक्षक महेश व आरक्षक विनोद ने मध्यस्थ की भूमिका निभा कर पांचों बदमाशों को अपने झांसे में फंसा लिया।