भोपाल। भोपाल के अक्षय अरोड़ा को सर्विस सलेक्शन बोर्ड (एसएसबी) के मेल टेक्नीकल एंट्री (सिविल ब्रांच) में देश में दूसरा स्थान मिला है। एवरेज बॉडी और आखों पर चश्मे के बाद भी अक्षय सिलेक्ट हुआ।बिना किसी कोचिंग की आर्मी में लेफ्टिनेंट रैंक के लिए चुने गए अक्षय अरोड़ा ने एसएसबी में सिलेक्ट होने के लिए टिप्स भी दिए। अक्षय ने कहा कि कोचिंग की कोई जरूरत नहीं क्योंकि इसका कोई सिलेबस नहीं होता।
अक्षय कहते हैं, एसएसबी सिर्फ कैंडीडेट्स में ऑफिसर्स लाइक क्वालिटी (ओएलक्यू) देखते हैं। वो आप क्या हो यह देखना चाहते हैं। यदि आप वेल ट्रेंड हैं तो फटाक से रिजेक्ट कर देते हैं। यदि खुद को बढ़ा-चढ़ाकर या बनावटी बनकर पेश किया तो उनके साइकोलोजिस्ट इस बात को तुरंत पकड़ लेते हैं।
पांच दिन चलता है टेस्ट...
पहले दिन: पिक्चर परसेप्शन एंड डिस्क्रिपशन टेस्ट। एक तस्वीर 15 सेकंड के लिए दिखाई जाती है तो कि हल्की धुंधली सी होती है। इस तस्वीर को देखकर तीन से चार मिनट के भीतर एक कहानी लिखना होती है लेकिन कोशिश करना चाहिए कि कहानी पॉजिटिव निकले। इसके बाद ग्रुप के साथ मिलकर कॉमन कहानी लिखना होती है।
दूसरे दिन: साइक्लोजिकल टेस्ट। प्रॉब्लम्स दी जाती है, जो कि किसी सिचुएशन पर आधारित होती है।
तीसरे दिन: ग्रुप टास्क जो कि फिजिकल स्टेमिना परखते हैं।
चौथे दिन: व्यक्तिगत टास्क भी शारीरिक क्षमता परखने के लिए होते हैं।
पांचवे दिन: टेक्नीकल से जुड़े सवाल और रिजल्ट की घोषणा।