PWD नियमितीकरण घोटाला: 10 साल की उम्र में नौकरी, 2005 में परमानेंट

डॉ. अखिलेश मिश्र/इलाहाबाद। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की नियुक्तियों एवं नियमितीकरण में बड़ा घोटाला सामने आया है। 2005 में नियमितीकरण प्राप्त करने के लिए रिकॉर्ड से छेड़छाड़ की गई है। गड़बड़ी तो तब पकड़ आई जब दस्तावेज जांच की गई तो पता चला कि जिस कर्मचारी को 1986 में नौकरी दिया जाना बताया जा रहा है, उसकी फाइल में जन्म प्रमाण पत्र के अनुसार उसका जन्म 1977 में हुआ है। अत: मात्र 10 साल में बच्चे को नौकरी दे दी और 2005 में परमानेंट भी कर दिया। ऐसे सैंकड़ों मामले सामने आए हैं। 

पीडब्ल्यूडी के निर्माण खंड चार (माघ मेला) में दैनिक भोगी वर्कचार्ज के ऐसे कर्मचारियों जिनकी जन्मतिथि 1977 से 1979 के बीच है को 1986 में पीडब्ल्यूडी में नौकरी मिल गई। यही नहीं उनकी सेवा को देखते हुए फरवरी 2005 में उन्हें नियमित भी कर दिया गया। नियमित किए गए कर्मचारियों की सेवा पत्रावली के अवलोकन के बाद यह मामला सामने आया। पता चला कि वे 10 वर्ष से भी कम आयु में नौकरी पा गए थे, जबकि नियमानुसार 18 वर्ष से कम आयु में नौकरी नहीं मिल सकती। विभाग की ओर से आयु सीमा में गड़बड़ी के मामले की जांच शुरू हो गई है।

पीडब्ल्यूडी के निर्माण खंड चार में बड़ी संख्या में कर्मचारियों को हाईकोर्ट के एक आदेश पर एक फरवरी 2005 को नियमित कर दिया गया। नियमित कर्मचारियों में तीन सगे भाइयों ब्रजभूषण, अवधेश कुमार और सुरेश ने एक अक्तूबर 1986 से विभाग में लगातार काम करने का दावा करते हुए कोर्ट में नियमित होने के लिए याचिका दाखिल कर दी। इस याचिका के निस्तारण में कोर्ट ने दैनिक कर्मचारियों को एक फरवरी 2005 से नियमित करने का आदेश दे दिया। अब जब विभाग की ओर से आयु की गड़बड़ी पकड़ में आ गई और कुछ कर्मचारियों को नोटिस दिया गया तो लोक निर्माण विभाग कर्मचारी संघ ने अधिकारियों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया और कई आरोप भी जड़ दिए। आरोप को लेकर कर्मचारियों ने मुख्य अभियंता के पास शिकायत की है, आगे ये कर्मचारी प्रधान महालेखाकार से शिकायत की बात कर रहे हैं।

जांच के दायरे में आए कर्मचारियों में ब्रजभूषण पुत्र भगवती की जन्म तिथि 10 मार्च 1977 है, वह एक अक्तूबर 1986 से पीडब्ल्यूडी में दैनिक वेतन भोगी के तौर पर मात्र नौ वर्ष सात माह की आयु से नौकरी कर रहे हैं। अवधेश कुमार की जन्मतिथि 25 अप्रैल 1978 है, वह पीडब्ल्यूडी में एक अक्तूबर 1986 दैनिक कर्मचारी के तौर पर मात्र आठ वर्ष छह माह की आयु से नौकरी कर रहे हैं। इसी प्रकार सुरेश की जन्म तिथि तीन फरवरी 1979 दर्ज है, वह पीडब्ल्यूडी में एक अक्तूबर 1986 से दैनिक कर्मचारी के तौर पर मात्र सात वर्ष आठ माह की आयु से नौकरी कर रहे हैं। प्रकरण तीन सगे भाइयों का होने के बाद उनकी आयु की तुलना करने पर पता चला कि दूसरे और तीसरे भाई की आयु में मात्र नौ महीने छह दिन का ही अंतर है। इस प्रकार इन कर्मचारियों की जन्मतिथि अपने आप सवालों के घेरे में आ जाती है।

कर्मचारियों की वेतनवृद्धि लगाते समय उनकी सेवा पुस्तिकाओं की जांच करने पर पता चला कि कई कर्मचारियों की सेवा पुस्तिकाओं में दर्ज जन्मतिथि और उनकी सेवा शुरू करते समय 18 वर्ष भी नहीं थी। इस प्रकरण की जांच अधिशासी अभियंता के आदेश से शुरू कर दी गई है। इस मामले में जांच के दायरे में आए कर्मचारियों को नोटिस जारी कर दिया गया है। कर्मचारियों ने कोर्ट को गुमराह कर नौकरी हासिल की है। जांच शुरू होने के बाद अब कर्मचारी आरोप लगा रहे हैं।
पीके सिंह, वरिष्ठ लेखाधिकारी निर्माण खंड-4 (माघ मेला), लोक निर्माण विभाग

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