BHOPAL में शौचालय का सच: सेवनिया गौड़ में निगम का घोटाला उजागर

भोपाल। नगर निगम ने भोपाल को खुले में शौचमुक्त घोषित कर दिया है। बताया गया है कि सभी घरों में टॉयलेट हैं और जहां नहीं हैं वहां माॅड्यूलर टाॅयलेट रखवाए गए हैं लेकिन दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट ने भोपाल के शौचालयों का सच सामने ला दिया। सेवनिया गौड़ गांव में निगम का घोटाला उजागर हो गया। यह वही गांव है जहां अमित शाह ने आदिवासी के घर भोजन किया था। खुलासा हुआ था कि जिस आदिवासी परिवार में शाह ने भोजन किया, उसके यहां शौचालय ही नहीं है। निगम ने फटाफट खंडन जारी कर दिया था। कमल उइके का लिखित बयान भी जारी किया था। एक बार फिर दावा किया था कि भोपाल 'खुले में शौच' से पूरी तरह मुक्त हो चुका है। 

शौचालय का सच सोमवार को फिर उजागर
सेवनिया गौड़ गांव में शौचालय का सच सोमवार को उजागर फिर हो गया। यहां रोज की तरह बड़ी तादाद में डिब्बा थामे लोग शौच के लिए बाहर ही गए। रविवार को निगम ने दावा किया था कि कमल के घर दो टाॅयलेट हैं लेकिन सोमवार सुबह कमल के पिता गेंदालाल भी डिब्बा लेकर पहाड़ी की ओर शौच के लिए जाते हुए दिखे। दैनिक भास्कर की टीम ने गांव में सुबह 6 बजे से 8 बजे तक रुककर देखा कि अब भी यहां लोग खुले में शौच जा रहे हैं। महिलाएं और लड़कियां भी खुले में शौच के लिए जाती दिखीं। यहां के लोगों ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि भोपाल खुले में शौच मुक्त है।

अधूरे टैंक को ढंकने के लिए पत्थर पटक गए थे
सेवनिया गौड़ में कमल के घर के सामने रमेश ठाकुर के घर का शौचालय भी अधूरा है। शाह-शिवराज के आने के पहले निगम अधिकारियों ने ठाकुर से शौचालय के अधूरे टैंक को पत्थर से ढंकने के लिए कहा था। इसके लिए वे यहां पत्थर भी डालकर गए थे। रमेश की पत्नी कृष्णा ने बताया कि उनका परिवार भी बाहर ही शौच जाता है। कृष्णा कहती हैं कि शौचालय कब तक बनेगा, उन्हें भी नहीं पता।

माॅड्यूलर टाॅयलेट रखवाए लेकिन पानी नहीं
नाकामी छिपाने के लिए निगम ने कमल सिंह के घर से कुछ दूरी पर रविवार शाम को ही छह माॅड्यूलर टाॅयलेट रखवाए थे लेकिन पानी की टंकी नहीं थी। सुबह 7.30 बजे निगम के अमले ने इसे वहां से दूर शिफ्ट किया। कहा गया कि जल्द ही इसके पास पानी की टंकी भी रखी जाएगी। स्थानीय लोगों ने बताया कि इससे पहले भी निगम ने यहां टाॅयलेट रखवाए थे लेकिन पानी नहीं होने के कारण कोई उसका इस्तेमाल नहीं करता था।

फिर झुंझलाईं निगम कमिश्नर
सेवनिया गौंड में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में ओडीएफ की पोल खुलने के बाद सोमवार को निगम आयुक्त छवि भारद्वाज अफसरों पर झुंझलाकर रह गईं। अपर आयुक्त एमपी सिंह, सिटी इंजीनियर ओपी भारद्वाज और उपायुक्त हर्षित तिवारी सहित कई एएचओ को उन्होंने डांट लगाई। उन्होंने नाराजगी भरे लहजे में कहा कि ‘कल उजागर हुई लापरवाही के लिए आप लोग जिम्मेदार हो, काम नहीं करना हो तो बता दें।’ नगर निगम में अब ऐसी लापरवाही नहीं चलेगी। बता दें कि निगम कमिश्नर की छवि अपने अधिकारियों/कर्मचारियों के मामलों पर पर्दा डालने वाली अधिकारी की बन गई है। ऐसे कई उदाहरण सामने आ चुके हैं जब कर्मचारी का दोष प्रमाणित हो जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। अब हालात यह हो गए हैं कि वो चाहकर भी किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकतीं। यदि की तो सारे पुराने गड़े मुर्दे बाहर निकाल दिए जाएंगे। 

भाजपा नेता का बेटा है एएचओ
खास बात यह है कि निगम के जिस जोन क्रमांक 6 में सेवनिया गौंड आता है वहां एएचओ दिनेश पाल भाजपा नेता नारायण सिंह पाल का बेटा है। दिनेश इस क्षेत्र में साफ-सफाई व्यवस्था के लिए जिम्मेदार है। पाल ने अफसरों को बताया कि उइके के घर के पीछे पहाड़ी पर जो मॉड्यूलर टॉयलेट रखे थे उसे स्थानीय नेता पूर्व पार्षद गोरेलाल बडगैंया ने हटवा दिया था, क्योंकि यह जमीन बडगैंया की है लेकिन बडगैंया ने इससे साफ इनकार कर दिया। 

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