अध्यापक तिरंगा रैली: शिल्पी शिवान के नाम पर लगी सील, भरत पटेल और जावेद खान सस्पेंड!

भोपाल। राजधानी में आज शिल्पी शिवान के नेतृत्व में आयोजित हुई तिरंगा रैली की सफलता ने भरत पटेल और जावेद खान गुट को आजाद अध्यापक संघ से सस्पेंड कर दिया। मौजूद संख्या ने प्रमाणित कर दिया कि वो शिल्पी शिवान के साथ हैं जो संघर्ष के रास्ते पर आगे बढ़ गईं हैं। दरअसल मुरलीधर पाटीदार द्वारा विश्वासघात किए जाने के बाद से मप्र के अध्यापक एक अदद सही नेता की तलाश में हैं। इसी प्रक्रिया में भरत पटेल को भी अवसर मिला परंतु जल्द ही उन्होंने अध्यापकों के दिलों में अपना भरोसा खो दिया। राजधानी में जन्माष्टमी से एक दिन पहले और 15 अगस्त की तैयारियों के अंतिम चरण में तिरंगा यात्रा में शामिल संख्या ने शिल्पी शिवान को आजाद अध्यापक संघ का सर्वमान्य नेता साबित कर दिया। 

प्रदेश भर के अध्यापकों ने रविवार को तिरंगा रैली निकाली। इसके बाद आंबेडकर मैदान में सभा हुई। अध्यापकों ने सरकार को अल्टीमेटम दिया कि यदि मांगें नहीं मानीं तो 5 सितंबर को शिक्षक दिवस पर राजधानी में मानव शृंखला बनाकर विरोध जताएंगे। माता मंदिर से आंबेडकर मैदान तक निकाली गई तिरंगा रैली और धरने में प्रदेश भर से आए अध्यापक शामिल हुए। सभा को समिति की संयोजक शिल्पी शिवान, कार्यवाहक अध्यक्ष शिवराज वर्मा, राकेश नायक, रितुराज तिवारी, राजमणि दुबे समेत अन्य पदाधिकारियों ने संबोधित किया। 

वक्ताओं ने कहा कि सरकार ने तबादला नीति तो जारी कर दी, लेकिन उसमें बंधन के तौर पर कई शर्तें रख दीं। अनुकंपा नियुक्ति के मामले में भी ऐसा ही किया। संतान पालन अवकाश, शिक्षा विभाग में संविलियन समेत अन्य मांगों को लेकर पहले आंदोलन किया गया। सरकार की ओर से हर बार सिर्फ भरोसा मिला, मांगें पूरी नहीं हुईं। 1998 में हुई शिक्षा कर्मियों की नियुक्ति से ही विसंगति जारी है। 2007 में सरकार ने अध्यापकों की नौ साल की वरिष्ठता समाप्त कर दी थी। पांचवां वेतनमान पूरा नहीं मिला। गणना पत्रक की गड़बड़ी से छठवां वेतनमान भी अब तक नहीं मिला। विभाग के हर आदेश में विसंगति रही। युक्तियुक्तकरण के अप्रैल से अब तक जारी आदेश में भी कई तरह की गड़बड़ी थी। इन विसंगतियों को दूर हीं नहीं किया गया। शिक्षक दिवस पर मानव शृंखला बनाई जाएगी। धरने के मद्देनजर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।

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