आनंद ताम्रकार/बालाघाट। प्रदेश के प्रमुख धान उत्पादक बालाघाट जिले में अकाल की काली छाया मडरा रही है। कम बारिश के कारण आधे से ज्याद हिस्से में रोपे लगाने का कार्य पानी ना गिरने से रूका हुआ है। किसान की नजरे आसमान पर टिकी है। नहरो के माध्यम से जिन कृषकों ने खेत में रोपे लगाये है उनमें तना छेदक नामक कीट प्रकोप फैल गया है। इसकी पृष्टि उपसंचालक कृषि श्री राजेश त्रिपाटी ने भी की है।
जहां एक ओर अल्प वर्षा और कीट व्याधि से परेशान है वहीं जिले में बेची जा रही असरहीन कीटनाशक दवायें और नकली खाद की खुली बिक्री से किसान लूटखसौट का शिकार हो रहा है। मंहगी दवाएं खरीदकर जब वह खेत में डालता है दवाओं का असर ही दिखाई नही देता। कृषि विभाग भी इस ओर अनदेखी कर रहा है।
खेती के लिये बेची जा रही दवायें उन दुकानों से बेची जा रही है जहां दवाईयों के उपयोग और दवाई की मात्रा के बारे में दुकानदार को जानकारी नही है। किराना दुकानों में भी कीटनाशक दवायें बिक रही है। इन विसंगतियों के चलते किसान की नियती दुर्भाग्य तक सीमित रह गई है जहां एक ओर वह प्राकृतिक प्रकोप आहत है तो दूसरी तरफ दुकानदारों की लूटखसौट से लूटने के लिये मजबूर है। इन दिनों बाजार में जय जवान मार्के इंदौर में बनाया हुआ नकली खाद धडल्ले से बेचा जा रहा है। ये कारगुजारियां उस कृषि प्रधान जिले में हो रही है जो कृषि विकास मंत्री गौरीशंकर बिसेन का गृह जिला है। यहां ये हाल है तो बाकि प्रदेश के अन्य हिस्सों में क्या हाल होगा।