नई दिल्ली। भारत के प्रतिबंधित तेज गेंदबाज को अदालत से बड़ी राहत मिली है। इस गेंदबाज के पक्ष में फैसला देते हुए केरल हाईकोर्ट ने बीसीसीआई के सभी प्रतिबंधों को समाप्त कर दिया है। यह गेंदबाज कोई और नहीं बल्कि एस श्रीसंत हैं। श्रीसंत को 2013 के आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग के मामले में दोषी पाया गया था। इसी साल अप्रैल में श्रीसंत ने बीसीसीआई के समक्ष याचिका लगाई थी जिसे बीसीसीआई ने खारिज कर दिया था। केरल हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद श्रीसंत को नेशनल और इंटरनेशनल क्रिकेट में फिर से मौका मिलने की संभावना बढ़ गयी हैं।
34 वर्षीय श्रीसंत ने पिछले 4 वर्षों में आधिकारिक रूप से मैदान पर वापसी नहीं की है। उन्होंने कहा है कि उनका सपना 2019 विश्वकप में भारतीय टीम की तरफ से खेलने का है। बकौल श्रीसंत " भारत के लिए 2019 विश्वकप में खेलना मेरा सपना है। मुझे पता है कि यह असमभव सा है लेकिन ऐसा होता है, तो एक चमत्कार होगा। मेरा हमेशा विश्वास रहा है कि चमत्कार होते हैं।" इस तेज गेंदबाज को यह आशा है कि उनके देश का प्रतिनिधित्व करने में फिटनेस उनका साथ देगी। उन्होंने उम्र की बात पर मिस्बाह-उल-हक़, यूनिस खान और सचिन तेंदुलकर का उदहारण देते हुए उन्हें प्रेरणा बताया और खुद को फिट रखने की बात भी कही।
हालांकि श्रीसंत को यह मालूम है कि उन्हें टीम में वापसी करने के लिए काफी कॉम्पीटिशन से गुजरना होगा और उनका लक्ष्य केरल की तरफ से रणजी ट्रॉफी खेलना है। उनके अनुसार "मुझे लगता है कि अभी भी स्कॉटिश लीग में कुछ मैच बचे हैं और मैं वहां कम से कम एक मैच तो खेल सकता हूं। मेरे पास दो ही लक्ष्य है। सबसे वास्तविक लक्ष्य केरल के लिए रणजी ट्रॉफी जीतना है। हमारे पास अब काफी प्रतिभाशाली क्रिकेटर हैं। मैं अपना अनुभव उनके साथ बांट सकता हूं और मेरे राज्य के लिए खेलना अच्छा होगा।"
गौरतलब है कि 2013 आईपीएल के दौरान श्रीसंत और राजस्थान रॉयल्स के उनके दो अन्य साथी अजित चंदेला और अंकित चौहान पर स्पॉट फिक्सिंग के आरोप लगने के बाद दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। बीसीसीआई ने इसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया था। इसके बाद दिल्ली की अदालत द्वारा बरी होने पर भी बीसीसीआई से राहत नहीं मिलने के कारण उन्होंने केरल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और वहां उन्हें राहत मिली।