भोपाल। राधारमण इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस में कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी के जरिए सतत विकास विषय पर एक दिवसीय सेमीनार का आयोजन किया गया। मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एमपीकॉन लिमिटेड के पूर्व प्रबंध निदेशक डॉ.पी.के. लाहिरी थेे।डॉ.पी.के. लाहिरी ने वर्तमान परिदृश्य में सीएसआर के मूल्य और महत्व पर जोर देते हुए कहा कि इस सदी के विकास लक्ष्य को हासिल करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने गरीबी, असमानता, अन्याय जैसे मुद्दों से निपटने के लिए 17 लक्ष्य तय किए हैं।
इन्हें हासिल करने के लिए भारत भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसका उद्देश्य सारे राष्ट्रों का विकास है। उन्होंने कहा कि विकास का फायदा सिर्फ चुनिंदा लोगों तक सीमित बना हुआ है। इसलिए समाज से अलग थलग पड़ गए लोगों और जरूरतमंद लोगों तक इस फायदे को पहुंचाने के प्रयास करना होगे। उन्होंने कहा कि सीएसआर का उद्देश्य व्यापार के तरीके को समझना है, ताकि कर्मचारियों तथा समाज के ऊपर इसका सकारात्मक असर पड़े। सीएसआर को सामान्य अर्थों में समझें तो कंपनियां व्यापार करके जो मुनाफा कमाती हैं उसका कुछ हिस्सा समाज और लोगों के विकास में लगाना है।
ताकि लोगों को आर्थिक विकास साथ ही जीवनशैली में सुधार हो यह एक सतत विकास की पद्धति है जिसमें भारत देश ने अपना स्थान बनाया है इस अवसर पर राधारमण समूह के चेयरमेन आर आर सक्सेना ने कहा कि विद्यार्थियों व फैकल्टी मेम्बर्स के लिए ऐसे सेमीनार उन्हें व्यापक दृष्टिकोण से सोचने व कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी जैसे महत्वपूर्ण विषयों को जानने समझने का मौका देते हैं। इससे उनमें व्यक्तित्व विकास के लिए जरूरी तत्वों का समावेश होता है।