भोपाल। सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को पदोन्नति में आरक्षण मामले की सुनवाई नहीं हो पाई। माना जा रहा था कि आज इस मामले में फैसला हो जाएगा। दोनों पक्षों के नेता दिल्ली में जमे हुए थे परंतु मामला टल गया। अब 7 सितम्बर को नई तारीख मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को हाजिर रहने के लिए कहा है। उम्मीद है इस दिन कोई फैसला होगा। सुप्रीम कोर्ट की बेंच में प्रदेश का पदोन्नति में आरक्षण का प्रकरण पहले नंबर पर लगा है। इसलिए संभावना है कि बेंच प्रकरण को सुनेगी।
करीब साढ़े चार माह बाद इस मामले की सुनवाई शुरू हुई है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 29 मार्च को यह प्रकरण सुना था। तब सुनवाई के बीच बेंच ने खुद को मामले से अलग करते हुए प्रकरण दूसरी बेंच को ट्रांसफर कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि इस बेंच में शामिल एक न्यायाधीश ऐसे ही एक अन्य प्रकरण में फैसला सुना चुके हैं। इसलिए बेंच इस मामले को ट्रांसफर कर रही है। ताकि पूर्वाग्रह से निर्णय लेने के आरोप न लगें। इसके बाद प्रकरण त्रिपुरा और बिहार के साथ मर्ज कर दिया गया था।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल 2016 को लोक सेवा (पदोन्नति) नियम 2002 खारिज किया है। तभी से दोनों वर्ग अपने हक के लिए सुप्रीम कोर्ट में कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। इसमें सरकार आरक्षित वर्ग के साथ खड़ी है।
सपाक्स नहीं खोल रही पत्ते
जहां राज्य सरकार का लगातार सहयोग मिलने से अजाक्स खुश है और खुद को जीत के नजदीक मान रहा है। वहीं सपाक्स अपने पत्ते नहीं खोल रहा है। सपाक्स के पदाधिकारियों की अपने वकीलों से हर पहलु पर चर्चा चल रही है और उसी हिसाब की तैयारी भी है।