शिवराज सरकार के खिलाफ बिजली संविदा कर्मचारियों का घेराव

भोपाल। अप्रैल महीने में सात दिन की हड़ताल के बाद ऊर्जा मंत्री के आश्वासन के बाद हड़ताल स्थिगित करने वाले बिजली संविदा कर्मचारियों ने फिर से आंदोलन की चेतावनी दी है। संविदा कर्मचारियों की बहाली नहीं किये जाने से नाराज बिजली संविदा कर्मचारियों ने आज दोपहर को म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर के नेतृत्व में बिजली मुख्यालय का घेराव करते हुये मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के एमडी एम सेलवेन्द्रम को ज्ञापन देते हुये कहा कि हटाये गये सभी संविदा कर्मचारियों को बहाल नहीं किया और संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण नहीं किया गया तो अगले महीने से बिजली विभाग के संविदा कर्मचारी ही नहीं सभी विभागों के ढाई लाख संविदा कर्मचारी अधिकारी आंदोलन करेंगें।

सरकार ने की वादा खिलाफी
गौरतलब है कि अप्रैल 2017 में बिजली विभाग के दस हजार संविदा कर्मचारी और बारह हजार आऊट सोर्सिंग के कर्मचारियों ने सात दिन तक लगातार अनिश्चित कालीन हड़ताल की थी। हड़ताल के दौरान म.प्र. शासन के ऊर्जा मंत्री पारस चंद्र जैन तथा ऊजा विभाग के अपर मुख्यसचिव ने कर्मचारियों के प्रतिनिधि मण्डल से हड़ताल वापस लेने का आग्रह करते हुये वादा किया था कि दो माह में बिजली संविदा कर्मचारियों को घोषणा पत्र में किये गये वादे के अनुसार नियमित किया जायेगा तथा  हटाये गये बिजली संविदा कर्मचारियों को वापस ले लिया जायेगा। इसके लिये सरकार ने एक कमेटी का गठन भी किया था लेकिन अफसोस की बात यह है कि दो माह बीतने के बाद भी कमेटी ने संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए कोई पहल नहीं की नाहीं हटाये गये संविदा कर्मचारियों को वापस लिया।

हटाये गये कर्मचारियों के दस्तावेज नहीं देख रही कमेटी
हटाये गये संविदा कर्मचारियों की वापसी के लिए बनाई कमेटी ने केवल विभाग के अधिकारियों का पक्ष सुना लेकिन हटाये गये कर्मचारियों के दस्तावेज देखने को तैयार नहीं हुये ।
हटाने का कारण नहीं बतला रही कम्पनी - जिन संविदा कर्मचारियों को बिजली कम्पनी ने हटाया है उन संविदा कर्मचारियों को कम्पनी यह बतलाने को तैयार नहीं है कि उनको क्यों हटाया जा रहा है ।

महासंघ ने कहा अगले महीने से आंदोलन
मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा है कि ऊर्जा मंत्री पारस चंद्र जैन को ज्ञापन सौंपकर वस्तु स्थिति से अवगत करायेगें और मंत्री ने मांगों के निराकरण के लिए सकरात्मक कदम नहीं उठाये तो सितम्बर महीने से ढाई लाख संविदा कर्मचारी सितम्बर महीने से प्रदेश व्यापी आंदोलन करेंगें।

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