मंत्री और अफसरों को मिलेंगी इलेक्ट्रॉनिक कारें, डीजल घोटाला नहीं हो पाएगा

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने प्रदूषण को कम करने और पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए केंद्रीय मंत्री और सीनियर ब्यूरोक्रैट्स के लिए इलेक्ट्रॉनिक कार खरीदने की तैयारी कर रही है। इस साल नवंबर से मंत्री और सीनियर ब्यूरोक्रैट्स आपको इलेक्ट्रिक सेडान कार में घुमते नजर आएंगे। इसके साथ ही डीजल खपत घोटाले की संभावनाए ही समाप्त हो जाएंगी। बता दें कि सरकारी कारों में उपयोग से कम से कम 2 गुना डीजल खपत दर्ज की जाती है और यह देशव्यापी पारंपरिक घोटाला है। जिसकी कभी कभी जांच तो होती है परंतु सख्त कार्रवाई कभी नहीं होती। भारत ने इलेक्ट्रॉनिक कारों की ओर कदम बढ़ाने का फैसला किया है। इसके लिए सरकार ने 10 हजार बैटरी वाले व्हीकल खरीदने का फैसला किया है। साथ ही सरकार एनसीआर क्षेत्र में 4,000 चार्जिंग स्टेशन भी शुरू करेगी। 

बता दें कि भारत तेल खपत के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है। एनर्जी एफिशंसी सर्विसेज लिमिटेड ने एक टेंडर जारी किया है। गौरतलब है कि इससे पहले ईईएसएल ने बुधवार को सरकारी पेट्रोल पंप पर एलईडी बल्ब भेचने के लिए एमओयू साइन किया। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि हम सरकारी विभागों से इसकी शुरुआत करेंगे। 

इस एमओयू के तहत सरकारी पेट्रोल पंप पर कम बिजली खपट वाले एलईडी बल्ब बेचे जाएंगे। ईईएसएल के एमडी सैरभ कुमार ने बताया कि कंपनी पहले चार दरवाजे वाले 1000 इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल खरीदेगी। जो एक बार चार्ज होने पर 120-150 किमी तक चलेगी। कुमार ने यह भी बताया है कि नवंबर तक हम एनडीएमसी जोन में 300-400 इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल की व्यवस्था कर लेंगे। 

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