मेधा पाटकर ने शिवराज सिंह की अपील ठुकराई, हालत बिगड़ी, अनशन जारी

भोपाल। सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावितों के उचित पुनर्वास और मुआवजा दिलाने के लिए उपवास पर बैठीं सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने अनशन के 9वें दिन सीएम शिवराज सिंह की अपील ठुकरा दी। चुनाव प्रचार में व्यस्त ट्वीट करके मेधा पाटकर से अनशन समाप्त करने की अपील की थी। मेधा ने धन्यवाद कहते हुए दोहराया कि मांगें पूरी होने तक अनशन जारी रहेगा। बताया जा रहा है कि मेधा पाटकर की हालत बिगड़ती जा रही है। उनका बीपी लो हो गया है। डॉक्टरों की टीम नजर रख रही है। इससे पहले मुख्य सचिव ने कलेक्टरों से कहा था कि जितनी पुलिस चाहिए ले जाओ लेकिन डूब में आने वाले इलाके खाली करवाओ। 

आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में जंतर मंतर पर धरना देकर एनवीडीए मंत्री लालसिंह आर्य व उपाध्यक्ष रजनीश वैश्य का पूतला फूंककर पुनर्वास को झूठा बताकर विरोध जताया। विपक्षी दलों के 15 सांसदों ने प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर हकीकत देखने व आंदोलनकारी से संवाद करने की मांग की। 

मुख्यमंत्री नर्मदा घाटी के महेश्वर, मंडलेश्वर व सनावद क्षेत्र में निकाय चुनाव के दौरे पर थे। वे बांध व पुनर्वास मुद्दे पर खुद को बचाकर बोले कि डूब प्रभावितों को पैकेज के साथ बसा रहे हैं। उनके ट्विटर पर पाटकर को संबोधित करते लिखा- जी मुझे आपके साथियों के स्वास्थ्य की चिंता है। आपसे निवेदन है कि आप सभी अनशन समाप्त करें। सभी विस्थापितों के हितों की चिंता करना मेरा कर्त्तव्य है। मैं और पूरा प्रशासन उनके साथ खड़े हैं। मेधा ने ट्विटर पर सीएम काे धन्यवाद कहा। साथ ही अनशनस्थल पर साफ कहा कि पहले बांध में पानी भरना बंद कर पुनर्वास होगा, तभी अनशन टूटेगा। 

मेधा पाटकर के स्वास्थ्य की सरकार को कोई चिंता नहीं है। अभी तक कोई संवाद नहीं किया। केंद्र सरकार पुनर्वास पूरा होने तक बांध में पानी भरने पर रोक लगाए।
अरविंद केजरीवाल, आप संयोजक (दिल्ली में)
ट्विटर पर उपवास नहीं तोड़ सकती। यदि लीगल अथारिटी टीम आएगी व डूब प्रभावितों के मुद्दों पर एक्शन लेगी व बांध में पानी भरना बंद कर पहले पुनर्वास करेंगे, तभी आंदोलन खत्म होगा।’ 
मेधा पाटकर, (चिखल्दा में) 

शाम तक नर्मदा का जलस्तर 24 घंटे में 0.500 मीटर बढ़कर 121.400 तक जा पहुंचा। चिखल्दा में नर्मदा किनारे स्थित बालीपुरवाले बाबाजी की समाधि पर पानी भर गया है। सिर्फ झंडे के ऊपरी हिस्से दिख रहे हैं। राजघाट के पश्चिमी हिस्से की रेत खदानों में पानी घुसने लगा है। किनारे के भवती, बिजासन, पान्या, धनोरा गांवों से बसाहटों पर धीरे-धीरे लोगों का पहुंचना लगातार जारी है। 

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