ग्वालियर। मध्यप्रदेश में स्थित चंबल संभाग यूं तो सारी दुनिया में डाकुओं के लिए कुख्यात है परंतु यही वो सरजमीं हैं जहां से भारत मां के सपूतों की लम्बी कतार निकलकर सीमाओं पर देश की रक्षा करती है। यहां के हर गांव में और लगभग हर परिवार में कम से कम एक सैनिक तो मिल ही जाएगा। जगराम सिंह तोमर भी ऐसा ही लाड़ला सपूत था जो आज पाकिस्तानी सेना के हमले का सामना करते हुए शहीद हो गया लेकिन उसने पाकिस्तान की घुसपैठ को नाकाम कर दिया।
जम्मू के पुंछ के कृष्णा घाटी सेक्टर में पाकिस्तान ने एक बार फिर युद्धविराम का उल्लंघन किया। कृष्णा घाटी सेक्टर मे शाम पांच बजे पाकिस्तान की ओर से बिना किसी उकसावे के फायरिंग की गई। इसका सेना ने मजबूती से माकूल जवाब दिया। दोनों ओर से हुई गोलीबारी मे भारतीय सेना के नायब सूबेदार जगराम सिंह तोमर गंभीर रूप से घायल हो गए। इसकी वजह से बाद में उनकी मौत हो गई।
42 साल का शहीद सिपाही जगराम मध्यप्रदेश के मुरैना के तरसना गांव के रहने वाले हैं। शहीद जयराम अपने पीछे पत्नी सहित एक बेटा और एक बेटी छोड़ गए हैं। नायब सूबेदार जगराम सिंह तोमर एक बहादुर और निष्ठावान सैनिक थे। देश उनके सर्वोच्च बलिदान को कभी नहीं भुला पाएगा। पिछले एक हफ्ते के भीतर पुंछ के कृष्णा घाटी सेक्टर में पाक गोलाबारी मे दो जवान शहीद हो गए हैं।