मप्र में CM कैंडिडेटशिप के लिए पूरी तरह से तैयार हूं: ज्योतिरादित्य सिंधिया

भोपाल। पूर्वमंत्री एवं सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया इन दिनों सोशल मीडिया पर एक्टिव हो गए हैं। वो समय समय पर फेसबुक लाइव चैट पर आते हैं और लोगों से बातचीत करते हैं। बीते रोज भी वो लाइव चैट पर थे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा मैं मध्यप्रदेश की सेवा करने को उत्सुक हूं, मुझे विश्वास है कि मैं मध्यप्रदेश को और आगे ले जा सकता हूं। याद दिला दें कि छिंदवाड़ा सांसद कमलनाथ भी इस रेस में शामिल थे लेकिन पिछले दिनों कमलनाथ ने खुद को इस रेस से बाहर कर लिया। उन्होंने बयान दिया है कि मप्र में कांग्रेस को बिना चेहरे के चुनाव लड़ना चाहिए। 

जब एक यूजर ने सिंधिया से पूछा कि मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार वेंटीलेटर पर है, क्या आप मध्यप्रदेश के अगले मुख्यमंत्री बनने के लिए तैयार हैं, इस पर उन्होंने कहा कि मैं सेवा करने को उत्सुक हूं। इसके अलावा एक और यूजर ने पूछा कि यदि आप मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री के रूप में आते हैं तो छात्रों की मदद कैसे करेंगे। इस पर सिंधिया ने कहा कि छात्रों को करियर पथ की जरूरत है। यह डिग्री के लिए पर्याप्त नहीं है। उन्हें रोजगार की जरूरत है। सरकार को ऐसा वातावरण देना है जहां नौकरियों का सृजन हो सके। नितिन सक्सेना पूछते हैं कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस का कोई भी बड़ा नेता नहीं हैं, क्या आप मध्यप्रदेश का प्रभार ले सकते हैं, जिससे बुनियादी ढांचा मजबूत हो और छोटी शहरों तक सुविधाएं पहुंचे। इस पर सिंधिया का जवाब था कि मैं अपने मध्यप्रदेश की सेवा करने के लिए आगे रहता हूं। मेरा भरोसा है कि हम इस राज्य को और आगे ले जा सकते हैं।

मुझे शिवराज के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं
इस दौरान उपेंद्र लोधी के सवाल का जवाब देते हुए श्री सिंधिया ने लिखा है कि मुझे शिवराज सिंह से कोई प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है, मुझे आपसे (समर्थक) और मेरी जनता से प्रमाण पत्र की जरूरत है। उन्होंने शिवराज सिंह के लिए एक गाना भी फेसबुक कमेंट का जवाब देते हुए लिखा-क्या हुआ तेरा वादा। बता दें कि भारत छोड़ो आंदोलन पर भाषण देते हुए सीएम शिवराज सिंह ने एक बार फिर 1857 की क्रांति का जिक्र किया और लोगों को याद दिलाया कि किस प्रकार सिंधिया राजपरिवार ने अंग्रेजों से संधि करके क्रांतिकारियों के विरुद्ध अंग्रेज सरकार का साथ दिया। वहीं कई लोगों ने श्री सिंधिया से पूछा, कांग्रेस में गुटबाजी कब खत्म होगी? जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि मैं कोशिश कर रहा हूं और ऐसा होने की उम्मीद भी है। 

किसान मेरी ज़िम्मीदारी नहीं धर्म है 
फेसबुक पर सिंधिया से एक यूजर ने पुछा अन्नदाताओं के लिए आप क्या कहना चाहोगे जो आज सबसे ज्यादा दुखी व् परेशान हैं। इस के जवाब में सिंधिया ने कहा मेरे अन्नदाता मेरे लिए मेरी प्राथमिक ज़िम्मीदारी। अन्नदाताओ की प्रगति केवल हमारी ज़िम्मेदारी नहीं, मगर हमारा धर्म है। उनके उत्थान के लिए हर संभव प्रयास, मै सदैव करता रहूँगा।

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