सहारनपुर। स्वतंत्रता दिवस समारोह के एक दिन पहले सपा नेता एवं पूर्व विधायक माविया अली ने विवादित बयसान दिया है। यूपी में मदरसों में ध्वजारोहरण संबंधी आदेश को मानने से इंकार करते हुए माविया ने कहा कि हम पहले मुसलमान हैं, फिर हिंदुस्तानी। उन्होंने अपनी बात को 2 बार दोहराया और स्पष्ट किया कि यदि इस्लाम को बचाने के लिए हम कानून तोड़ देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि 20 करोड़ मुसलमान चुप कैसे बैठ सकता है। बता दें कि यूपी सरकार के इस आदेश का ज्यादातर मुस्लिम नेताओं ने स्वागत किया है। जिक्र जरूरी है कि माविया अली देवबंद जैसी मुस्लिम बहुल सीट से चुनाव हार चुके हैं।
देवबंद से पूर्व कांग्रेस विधायक व वर्तमान में सपा नेता माविया अली ने विवादित बयान दे दिया है। माविया अली ने कहा है कि जिस देश में एक करोड़ मुसलमान हैं वहां भी चुपचाप नहीं बैठते यहां तो हम 20 करोड़ हैं। उन्होंने कहा कि हम सरकारी फरमान की कड़ाई से निंदा करते हैं। माविया अली ने कहा कि हम प्रदेश सरकार की इस बात को मानने को कतई तैयार नहीं है कि मदरसों मे राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाना जरूरी हो और उस की वीडियोग्राफी कराई जाए।
सपा नेता ने कहा कि हम पहले मुसलमान हैं, इंडियन बाद में हैं। उन्होंने अपनी बात दोहराते हुए कहा कि हम एक हिंदुस्तानी दूसरे नंबर पर हैं, पहले हम मुसलमान हैं। किसी भी चीज से इस्लाम का टकराव होता है, या फिर किसी भी कानून से इस्लाम का टकराव होता है तो उस कानून को मानने को हम तैयार नहीं हैं।
माविया अली ने कहा, ''लोग कहते हैं हम इस देश के अंदर वफादार की हैसियत से रहें, लेकिन मेरा कहना है कि हम देश के अंदर मालिक की हैसियत से हैं। इस देश के कुत्ते नहीं हैं, वफादार तो कुत्ते और नौकर होते हैं। हम इस देश के मालिक हैं, जितना अधिकार इस देश के अंदर योगी का है उतना ही अधिकार इस देश के अंदर माविया का भी है।
मालिक अपने घर की रक्षा कैसे करता है वह हम जानते हैं वफादारी का लांछन लगाना गलत है। वफादार होना नौकरों की फितरत में होता है। बता दें कि माविया अली ने 2016 मे देवबंद से कांग्रेस के टिकट पर उपचुनाव लडा था और विधायक बने थे। बाद में 2017 में कांग्रेस को अलविदा कह वह सपा में चले गये। हालांकि वह इस बार यहां से चुनाव हार गये। इससे पहले भी माविया अली अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चाओं में रहे हैं।