मंदसौर में फिल सुलग रहा है किसान, इस बार लहसुन बना मुद्दा

भोपाल। मप्र में किसानों के साथ काले कारोबारियों का खेल जारी है। कारोबारियों ने भारी आवक के बाद प्याज दाम गिरा दिए थे। फिर कोड़ियों के दाम प्याज खरीदकर जमाखोरी कर ली। अब लहसुन के साथ भी वही घोटाला हो रहा है। कारोबारियों ने 12 हजार रुपए क्विंटल बिकने वाले लहसुन की कीमत 1200 रुपए लगाई है। किसानों ने इस मामले में सीएम शिवराज सिंह से दखल देने की मांग की है। किसान आक्रोशित हैं, क्योंकि उनकी लागत भी नहीं मिल रही है। मंदसौर के किसानों ने प्रदेश सरकार से, इस फसल के लिए भी समर्थन मूल्य तय कर सरकारी खरीदी करने की मांग उठाई है.

रबी का आॅफ सीजन होने के बावजूद प्रदेश के मालवा इलाके की कृषि उपज मंडियों में इन दिनों लहसुन फसल की रिकॉर्ड तोड़ आवक हो रही है। मंदसौर मंडी में इन दिनों रोजाना 20-22 हजार क्विंटल पुरानी लहसुन की आवक हो रही है। पिछले साल की तुलना में इस बार दामों में 10 गुना तक गिरावट दर्ज की गई है। लिहाजा एक बार फिर यहां के किसानों के चेहरे मुरझाते नजर आ रहे हैं। पिछले साल इन दिनों लहसुन के दाम 10 से 12 हजार रूपए क्विंटल थे लेकिन इस बार साधारण किस्म की लहसुन केवल 1200 से 1500 रुपए क्विंटल के दाम पर ही बिक रही है वहीं एक्सपोर्ट क्वालिटी के माल की कीमत 3 हजार रूपए प्रति क्विंटल के आसपास बताई जा रही है।

आम किसानों का एवरेज माल कम दामों पर ही बिकने से किसानों ने प्रदेश सरकार से प्याज की तरह लहसुन फसल का भी समर्थन मूल्य तय करके सरकारी खरीद करने की मांग उठाई है। उधर मंडियों में हो रही बंपर आवक के मद्देनजर यहां के व्यापारी भी अब लहसुन फसल के भाव बढ़ने की बात से इनकार कर रहे हैं। दामों में लगातार हो रही गिरावट के चलते किसानों में भारी चिंता का माहौल है। किसानों द्वारा इस फसल का भी समर्थन मूल्य तय करने की मांग अब तूल पकड़ती जा रही है।

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