अमित शाह: एक तरफ सादगी का संदेश, दूसरी तरफ शाही स्वागत को प्रोत्साहन

भोपाल। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के यहां एक साथ 2 चेहरे नजर आए। एक तरफ वो सादगी का का संदेश दे रहे थे तो दूसरी तरफ उन्होंने शाही स्वागत को प्रोत्साहित किया। अमित शाह ने खुद अपने ट्वीटर अकाउंट वो सभी फोटो शेयर किए जो उनके शाही स्वागत को प्रदर्शित कर रहे हैं। बता दें कि अमित शाह यहां भाजपा संगठन और शिवराज सिंह सरकार के हिसाब जांचने आए हैं। इस आयोजन से आम जनता का कोई रिश्ता नहीं है, बावजूद इसके अमित शाह के कारण भोपाल का आॅफिस टाइम में ट्रेफिक जाम हुआ, लोग परेशान हुए। रास्ते बंद किए गए और एबुलेंस तक जाम में फंसी। 

राजधानी पहुंचने के बाद अपने ट्विटर अकाउंट पर शाह ने विभिन्न तस्वीरें पोस्ट करते हुए कहा कि- मध्यप्रदेश के तीन दिवसीय विस्तृत प्रवास पर आज भोपाल पहुंचा। इस अभूतपूर्व स्नेह और समर्थन के लिए प्रदेश की जनता का हृदय से आभार। हालांकि, शाह ने जो फोटो शेयर किए उनमें जनता नहीं थी। केवल भाजपा कार्यकर्ता थे। पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं के अपने नेता के स्वागत में उमड़ने संबंधित तस्वीरों को चस्पा करते हुए शाह ने ट्वीट किया कि - जनता का भाजपा में यह अटूट विश्वास और हमारे कर्मठ कार्यकर्ताओं का अथक परिश्रम ही भाजपा की पूंजी है।
 विमान चूक गया या छोड़ दिया गया
अमित शाह गुरूवार शाम को भोपाल आने वाले थे। कहा गया था कि वो सामान्य यात्री विमान से आ रहे हैं। यह उनकी सादगी का प्रमाण है। इस बावत् भाजपा की ओर से कुछ विशेष लेख भी जारी हुए थे लेकिन अमित शाह निर्धारित यात्री विमान से नहीं आए। उनके अलावा भाजपा के सभी नेता उसी विमान से भोपाल पहुंचे। शाह शुक्रवार को सुबह 9.30 बजे विशेष विमान से भोपाल पहुंचे। उनके स्वागत के लिए भाजपा ने एतिहासिक तैयारियां की थीं। कुछ ऐसी जो अमित शाह की सादगी वाले संदेश को खंडित करतीं हैं। करीब 15 किलोमीटर की दूरी में हजारों पार्टी कार्यकर्ता मोटरसाइकिल रैली के रूप में काफिले के साथ चले। जगह-जगह मंच बना कर ढोल-ढमाकों और पुष्पवर्षा के बीच शाह करीब डेढ़ घंटे में प्रदेश कार्यालय पहुंचे। यदि उक्त सारा प्रदर्शन नहीं होता तो अमित शाह मात्र 15 मिनट में बीजेपी कार्यालय पहुंच जाते और भोपाल के हजारों सरकारी व प्राइवेट कर्मचारी भी जाम में ना फंसते। 

इस दौरान एक ढोंग भी रचा गया
भाजपा ने अमित शाह के स्वागत के दौरान एक ढोंग भी रचा। दर्जनों मुस्लिम महिलाओं को बुरका पहनाकर हाथ में भाजपा के झंडे लिए सड़क खड़ा कर दिया गया। पता नहीं क्या संदेश देने की कोशिश की गई। जबकि फिलहाल तो कोई चुनाव भी नहीं है। ताज्जुब तो इस बात का है कि सादगी का जीवन जीने वाले अमित शाह जो कहते हैं कि 'मेरा जीवन ही मेरा संदेश है' ने भी इन सारी चीजों पर कोई आपत्ति नहीं उठाई। उल्टा ट्वीटर पर शेयर करके प्रोत्साहित किया। सत्ताधारी दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष की शान में जो कुछ हुआ वो पहली बार नहीं था, परंतु अमित शाह के मामले में आपत्ति इसलिए क्योंकि वो सादगी का दावा करते हैं। 

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