9वीं-10वीं में बेस्ट ऑफ फाइव का फार्मूला लागू

लोमेश गौर/हरदा। एक विषय में सप्लीमेंट्री आने वाले 9वीं-10वीं के छात्र-छात्राओं को घबराने की जरूरत नहीं है। अब उन्हें पास माना जाएगा। माध्यमिक शिक्षा मंडल मप्र भोपाल की ओर से जारी नए आदेश में कहा गया है कि कक्षा 9 और 10 मेंं यदि कोई विद्यार्थी पांच सब्जेक्ट में पास हो जाता है और एक विषय में फेल हो जाए तो भी उसे पास मान कर उसका प्रमोशन अगली कक्षा में कर दिया जाए। इसके लिए 'बेस्ट ऑफ फाइव सब्जेक्ट का फार्मूला तैयार किया गया है।

विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक सत्र 2016-17 से कक्षा 9 एवं 10 के छात्र-छात्राओं के प्राप्तांकों की गणना 'बेस्ट ऑफ फाइव के आधार पर की जाएगी। मालूम हो कि माशिमं 6 विषयों की परीक्षा लेता है, जिसमें से अब बेस्ट पांच विषय के आधार पर मूल्यांकन करना होगा।

इसका मतलब ये है कि यदि कोई छात्र किसी एक विषय में फेल भी हो जाए तो उन्हें बाकी पास किए गए पांच विषयों की गणना के आधार पर अगली कक्षा में प्रमोशन दे दिया जाएगा। इसका सबसे अधिक लाभ ग्रामीण क्षेत्र के उन छात्रों को होगा जो सामान्यत: अंग्रेजी और गणित में ज्यादा कमजोर होते हैं। इस आदेश के बाद वे पास हो सकेंगे।

इस साल हरदा जिले में कक्षा 10 में पढ़ने वाले बच्चों में से 5596 नियमित और 3168 प्रायवेट विद्यार्थी शामिल हुए थे। इनमें से नियमित श्रेणी में 1424 बच्चों को सप्लीमेंट्री और 789 अनुत्तीर्ण हो गए थे। इसी प्रकार प्रायवेट श्रेणी में 863 को सप्लीमेंट्री और 2002 अनुत्तीर्ण हो गए थे।

इन बच्चों में सबसे ज्यादा ऐसे थे जो गणित और अंग्रेजी में पास नहीं हो पाए। नए नियम के आने के बाद छात्रों को ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं रहेगी क्योंकि अब उन्हें अगली कक्षा में जाने के लिए सिर्फ पांच विषयों में पास होना जरूरी है।

सैद्धांतिक व प्रायोगिक दोनों में पास होना जरूरी 
बोर्ड की ओर से जारी नए आदेश में सभी पांच विषयों में पास होने के लिए एक शर्त भी रखी गई है। इसके अनुसार, सभी विषयों में छात्र को सैद्धांतिक और प्रायोगिक परीक्षा में अलग-अलग पास होना जरूरी है। यदि छात्र किसी एक भी परीक्षा फेल होता है तो उसे फेल ही माना जाएगा। इसके अनुसार, प्रायोगिक और सैद्धांतिक दोनों के मार्क्स जोड़कर पास नहीं माना जाएगा।

नई योजना के दो पक्ष
सकारात्मक : इस योजना के बारे में बुद्धजीवियों ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इससे छात्रों में बिना वजह का डर कम होगा और अनहोनी की घटनाओं में भी कमी आएगी। कुछ लोगों ने मंडल की इस पहल का स्वागत किया है।

नकारात्मक : नई योजना को लेकर कुछ शिक्षाविदों का कहना है कि इससे पढ़ाई का स्तर गिरेगा। ऐसा करने के कारण कई बच्चे 5 विषय तो पढ़ेंगे, लेकिन एक विषय पर ध्यान नहीं देंगे। जिसके कारण भविष्य में वह विषय कमजोर ही रहेगा।

इनका कहना
'बेस्ट ऑफ फाइव सब्जेक्ट के तहत् 9वीं और 10 वीं बच्चों को अब एक विषय में फेल होने पर भी पास माना जाएगा।' 
लखनलाल वर्मा, प्रभारी जिला शिक्षाधिकारी

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