7वां वेतनमान: कर्मचारियों की नाराजगी के 4 प्रमुख कारण

नई दिल्ली। सातवां वेतनमान कर्मचारियों को कतई पसंद नहीं आया। ज्यादातर कर्मचारी नाराज हैं जबकि सरकार का दावा है कि उसने कर्मचारियों के हित में फैसला लिया है। सवाल यह है कि कर्मचारी क्यों नाराज हैं। वनइंडिया ने इस मामले का पूरा अध्ययन किया। 4 महत्वपूर्ण बिन्दु निकलकर आए हैं जिसके कारण कर्मचारी का नुक्सान हुआ और वो सातवें वेतन आयोग से नाराज है। आइए जानते हैं किन मुद्दों पर केन्द्रीय कर्मचारी हो गए हैं सरकार से नाराज। 

HRA कम करने से कर्मचारी नाराज 
एचआरए किसी भी कर्मचारी की सैलरी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है और अधिक एचआरए का मतलब है कि कर्मचारी को अधिक सैलरी मिलेगी, लेकिन कम एचआरए होने की वजह से कर्मचारी नाराज हैं और सरकार से बात कर रहे हैं। सातवें वेतन आयोग के तहत केन्द्रीय कर्मचारियों को 24 फीसदी, 16 फीसदी और 8 फीसदी एचआरए देने की घोषणा की है, जबकि छठे वेतन आयोग के हिसाब से उन्हें बेसिक पे का 30 फीसदी, 20 फीसदी और 10 फीसदी (X, Y और Z कैटेगरी के शहर के लिए) एचआरए मिलता था। कर्मचारियों की मांग है कि छठे वेतन आयोग के हिसाब से ही उन्हें एचआरए दिया जाए। 

एरियर नहीं मिलने से परेशान हैं कर्मचारी 
वहीं दूसरी ओर, सरकार ने कर्मचारियों को दिया जाने वाला एरियर भी जुलाई 2016 से न देकर जुलाई 2017 से देने का फैसला किया है, जबकि कर्मचारियों की मांग थी कि एरियर जुलाई 2016 से दिया जाए। 

कर्मचारी-अधिकारी का अंतर बढ़ाया
केन्द्रीय कर्मचारियों का यह भी आरोप है कि सातवें वेतन आयोग ने कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों और बड़े अधिकारियों को मिलने वाली सैलरी के अंतर को बढ़ा दिया है। उनका कहना है कि इससे पहले के वेतन आयोग ने इस अंतर को कम करने का काम किया था। दूसरे वेतन आयोग में यह अनुपात 1:41 था, जिसे छठे वेतन आयोग में घटाकर 1:12 कर दिया गया, लेकिन अब सातवें वेतन आयोग ने इसे फिर से बढ़ाकर 1:14 कर दिया है। 

70 सालों में सबसे कम सैलरी हाइक 
केन्द्रीय कर्मचारियों को सबसे अधिक दुख इस बात का है कि उन्हें सातवें वेतन आयोग के तहत पिछले 70 सालों में सबसे कम सैलरी हाइक मिली है। आपको बता दें कि सातवें वेतन आयोग में केन्द्रीय कर्मचारियों की सैलरी 14.27 फीसदी बढ़ाई गई है, जबकि छठे वेतन आयोग में 20 फीसदी की बढ़ोत्तरी की गई थी।

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