शिवराज ने 30 सीटों पर किया था प्रचार, 13 हार गए, पंचायत तक नहीं जीत पाए

भोपाल। मध्यप्रदेश नगरीय निकाय चुनाव में इस बार नंदकुमार सिंह चौहान सीना ठोककर दावा नहीं कर सकते कि 43 में से 25 सीटों पर मिली जीत सीएम शिवराज सिंह की लोकप्रियता का परिणाम है क्योंकि शिवराज सिंह 43 में से 30 सीटों पर प्रचार करने गए थे, जिनमें से 13 हार गए। अर्थ यह निकलता है कि शिवराज सिंह अब चुनाव जिताऊ स्टार प्रचारक नहीं रहे। नंदकुमार सिंह ने चुनाव से पहले कहा था कि यह चुनाव वो शिवराज सिंह के बिना जीतकर दिखाएंगे लेकिन जब फीकबैक आया तो घबरा गए और शिवराज को मैदान में उतारा। फिर भी काम नहीं बन सका। शिवराज सिंह के अलावा सुषमा स्वराज, गौरीशंकर बिसेन, ओमप्रकाश धुर्वे और सूर्यप्रकाश मीणा के जिलों में भी भाजपा को शिकस्त मिली है। इतना ही नहीं संगठन मंत्री अतुल राय ने भी भाजपा की लुटिया डुबा दी। 

ग्राम पंचायत का चुनाव भी नहीं जिता पाए शिवराज सिंह 
मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र बुधनी के लाड़कुई में हुए ग्राम पंचायत उपचुनाव में पार्टी द्वारा पूरी ताकत लगाने के बाद भी भाजपा हार गई। बता दें कि बुधनी ना केवल सीएम शिवराज सिंह का विधानसभा क्षेत्र है बल्कि उनका गांव भी हैं। शिवराज सिंह ने अपनी राजनीति की शुरूआत यहीं से की थी। उनके परिवार और रिश्तेदार आज भी यहीं रहते हैं। 

बिसेन को तो भगत ने ही पछाड़ दिया 
बालाघाट जिले के बैहर में मंत्री गौरीशंकर बिसेन और सांसद बोध सिंह भगत की लड़ाई पार्टी को ले डूबी। यहां कांग्रेस उम्मीदवार ने जीत दर्ज की। भगत के समर्थक और बागी उम्मीदवार ने यहां भाजपा का काम बिगाड़ दिया। डिंडौरी में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे के विधानसभा क्षेत्र शहपुरा में उनकी पसंद से उम्मीदवार तय किए जाने के बाद भी भाजपा को जीत नहीं मिल सकी।

सुषमा, शिवराज और मीणा के बाद भी शमशाबाद हार गए 
शमशाबाद में खाली कुर्सी-भरी कुर्सी के चुनाव में कांग्रेस की जीत ने बता दिया कि क्षेत्र में राज्य मंत्री सूर्य प्रकाश मीणा का प्रभाव कम हुआ है। यह क्षेत्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के प्रभाव वाला भी माना जाता है। हालांकि नंदकुमार सिंह चौहान ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि शमशाबाद में हमने मेहनत नहीं की थी।

संगठन मंत्री अतुल राय ने लुटिया डुबा दी
महाकौशल क्षेत्र में संगठन मंत्री अतुल राय पर भरोसा पार्टी को भारी पड़ गया। अपनी जीवनशैली को लेकर चर्चाओं में रहने वाले अतुल राय बागियों को नहीं मना पाए। उनके क्षेत्र में आने वाले छिंदवाड़ा जिले में 6 में से भाजपा सिर्फ एक सीट पर ही जीत सकी। वहीं मंडला नगर पालिका, निवास नगर परिषद,डिंडौरी के शहपुरा और बालाघाट के बैहर में पार्टी को करारी हार मिली है। राय क्षेत्र में पार्टी नेताओं के बीच गुटबाजी को भी खत्म नहीं कर पाए।

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