हरियाणा में हिंसा भड़की, 29 की मौत, 200 से ज्यादा घायल

नई दिल्ली। सीबीआई कोर्ट में डेरा प्रमुख राम रहीम को बलात्कार का दोषी घोषित करते ही हिंसा भड़क गई। हिंसा की आग दिल्ली और गाजियाबाद में भी दिखाई दे रही है। अभी तक मरने वालों की संख्या 29 हो चुकी हैं। पंचकूला में 28 और सिरसा में 1 की मौत हुई है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कोर्ट के फैसले पर हिंसा की निंदा की। लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्‍टर ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि राम रहीम की संपत्ति जब्त की जाए और उसे बेचकर हिंसा में हुए नुक्सान की भरपाई की जाए। हरियाणा के पंचकूला में कर्फ्यू लगाया गया है।  सेक्टर 5 में भीषण आगजनी हुई है। सेक्टर 3 में भी आगजनी की घटनाएं हो रहीं हैं। 

दिल्ली से सटे गाजियाबाद में लोनी में उपद्रवियों ने बस को फूंका दिया। आनंद विहार स्टेशन में ट्रेन में आग लगा दी गई है। सभी ट्रेनों का संचालन अनिश्चितकाल के लिए रद्द कर दी गईं हैं।पीएमओ ने स्थिति को लेकर रिपोर्ट मांगी है वहीं गृहमंत्री ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‍टर और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से बात कर हालात का जायजा लिया है।

पंचकूला का आयकर दफ्तर आग के हवाले कर दिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार फैसला आने के बाद बाबा राम रहीम की आंखे नम थी। फैसले के बाद कोर्ट परिसर में पश्चिमी कमांड की टुकड़ी पहुंच गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार यहां से बाबा राम रहीम को सेना की ही निगरानी में रखा जाएगा। 

यह है मामला 
गुमनाम पत्र के माध्यम से एक साध्वी ने डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम पर यौन शोषण सहित कई अन्य संगीन आरोप लगाए थे। यह पत्र तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को लिखा गया था। साथ ही इसकी प्रति पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को भेजी गई थी। पत्र में आरोप लगाए गए थे कि पीड़िता पंजाब की रहने वाली है और सिरसा के डेरा सच्चा सौदा में 5 साल से एक साध्वी के रूप में रह रही है।

आरोप लगाया गया कि साध्वियों का शोषण किया जा रहा है। अपनी आपबीती भी बताई गई थी, जिसमें डेरामुखी गुरमीत राम रहीम पर यौन शोषण के आरोप लगे थे। घटना 1999 की है और पत्र 2001 में लिखा गया। प्राथमिकी 2002 में दर्ज की गई। तब उच्च न्यायालय ने पत्र का संज्ञान लेते हुए सितंबर 2002 को मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। सीबीआई ने जांच में उक्त तथ्यों को सही पाया और डेरा प्रमुख के खिलाफ विशेष अदालत के समक्ष 31 जुलाई 2007 में आरोप पत्र दाखिल कर दिया।

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