बिहार बाढ़: 12 जिलों में तबाही, मोदी ने सेना उतारी

नई दिल्ली। भारी बारिश और नेपाल की ओर से पानी छोड़ दिए जाने के कारण बिहार के 12 जिलों में हाहाकार मच गया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस मामले में सीएम नीतीश कुमार से बात की और सेना को राहत कार्यों के लिए भेज दिया है। नदिया उफान पर हैं। गांव, गलियां, सड़कें, रेलवे स्टेशन सब पानी में डूब गए हैं। लाखों करोड़ की संपत्तियां तबाह हो गईं। हजारों लोग गायब हैं। वो कहां हैं, किस हाल में है किसी को नहीं पता। कई परिवार बिछड़ गए हैं। सरकार के राहत कार्य जारी हैं। समाजसेवी संस्थाएं भी राहत में जुटी हुईं हैं। 

बिहार में बाढ़ पर पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नीतीश कुमार से बात की है। उन्होंने बिहार को हरसंभव मदद का भरोसा दिया। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी नीतीश से बात कर बाढ़ की स्थिति पर चर्चा की। बिहार में राहत व बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ के 320 कर्मी भेजे गए हैं। नीतीश कुमार ने रविवार को बाढ़ से प्रभावित हजारों लोगों के राहत एवं बचाव के लिए सेना और भारतीय वायुसेना की मदद मांगी थी। इसके बाद बचाव और राहत कार्य के लिए सेना उतार दी गई है।

उधर, यूपी में बिहार-नेपाल बॉर्डर पर 72 घंटों से बारिश हो रही है। भारी बारिश और नेपाल से आए पानी की वजह से यूपी का एक बड़ा हिस्सा भी बाढ़ की चपेट में आ गया है। हजारों एकड़ की फसल बाढ़ में डूब गई है। रेलवे ट्रैक पर पानी भरने की वजह से यूपी-बिहार की करीब 30 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। खासकर गंगा, कोसी और महानंदा नदी उफान पर है। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ बाढ़ से उपजे संकट का जायजा लेने के लिए गोंडा, श्रावस्ती और बहराइच का दौरा करने वाले हैं। 

बिहार सीएम नीतीश कुमार ने रविवार को पटना में एक कार्यक्रम में कहा, 'बिहार में बाढ़ की स्थिति भयावह है। राज्य सरकार पूरी तरह सतर्क है और हमने प्रभावित लोगों को बचाने व लोगों के बीच राहत सामग्री बांटने के लिए सेना और वायुसेना के हेलिकॉप्टरों की मदद मांगी है। नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से अनुरोध किया है कि प्रभावित लोगों के राहत एवं बचाव के लिए केंद्र से हर संभव मदद मुहैया कराएं। 

बिहार में सेना ने संभाली कमान
बिहार में सीमांचल और कोसी इलाके के लगभग आधा दर्जन जिले पिछले तीन दिनों के दौरान हुई भारी बारिश के कारण बुरी तरह प्रभावित हैं। बिहार में सभी प्रमुख नदियां नेपाल एवं बिहार में अपने जलागम क्षेत्रों में हुई भारी बारिश के बाद से उफान पर हैं। दानापुर और रांची कैंट से बिहार पहुंचे सेना के 350 जवानों ने सीमांचल और कोसी में कमान संभाल ली है। कई इलाकों में रेल, बिजली और संचार सेवा ठप हो गई है। किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, पश्चिम चंपारण, सहरसा, और सुपौल जिले बाढ़ की चपेट में हैं। निवासियों को बाढ़ प्रभावित इलाके खाली करने के आदेश दिए गए हैं। बेतिया और मोतिहारी के कुछ हिस्से भी बाढ़ की चपेट में हैं।

कई स्टेशन डूबे, गोरखपुर एयरपोर्ट के रनवे पर भी पानी
बिहार में बाढ़ की स्थिति विकराल होती जा रही है। अररिया, किशनगंज, कटिहार और चंपारण में कई जगहों पर रेलवे ट्रैक पानी में डूब गए हैं। कटिहार का रेलवे संपर्क टूट गया है। अररिया का जोगबनी स्टेशन भी पानी में डूब गया है। अररिया-जोगबनी रेलवे लाइन पर फिलहाल ट्रेनों का परिचालन रोक दिया गया है। यूपी में गोरखपुर एयरपोर्ट के रनवे पर पानी भर गया है। वहां से सारी फ्लाइट रद्द कर दी गई हैं।

नेपाल ने पानी छोड़ा, बिहार में संकट बढ़ा
बताया जा रहा है कि बिहार में बाढ़ के संकट के लिए नेपाल से छोड़ा गया पानी भी जिम्मेदार है। नेपाल में भारी बारिश के बाद वाल्मीकिनगर गंडक बराज से करीब 4 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। बिहार सीएम नीतीश कुमार आज बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने जा रहे हैं।

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