10 लाख बैंक कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे

नई दिल्ली। बैंकों के 10 लाख कर्मचारी और अधिकारी 22 अगस्त को निजीकरण, बैंक विलय, एनपीए की सख्ती से वसूली और जीएसटी के बाद बढ़ी हुई सेवाओं के प्रभार सहित 17 मुद्दों के विरोध में बैंक कर्मचारी हड़ताल पर जाएंगे. स्ट्राइक से कैश लेनदेन और चेक क्‍लीयरेंस होने जैसी सेवाएं प्रभावित होंगी. हालांकि, मोबाइल बैंकिंग और एटीएम सेवा पर इसका कोई प्रभाव नहीं होगा.

9 बैंक यूनियन स्ट्राइक पर
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियनों में सभी 9 बैंक यूनियन (एआईबीईए, एआईबीओसी, एनसीबीई, एआईबीओ, बीईएफआई, आईएनबीईएफ, आईएनबीओसी, नोबीडब्ल्यू, एनओओ) ने हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है. यह स्ट्राइक कैश लेनदेन और चेक क्‍लीयर होने जैसी सेवाओं को प्रभावित कर सकती है.

15 सितंबर को बड़ी रैली की जाएगी
यूनियन के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा कि नौ बैंक यूनियनों तथा सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाली अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) ने राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है. वेंकटचलम ने बताया कि 22 अगस्‍त की हड़ताल के बाद  15 सितंबर को बड़े पैमाने पर रैली आयोजित की जाएगी.

एसोसिएशन की मांगें
एसोसिएशन की खास मांगों में बैंक चार्ज में वृद्धि की वापसी, एनपीए की सख्ती से वसूली नहीं करना, संसदीय समितियों की अनुशंसाओं को लागू करना, एफआरडीआई बिल वापस लेना, सभी संवर्गों में समुचित भर्ती, बोर्ड-ब्यूरो को खत्म करना, बड़े बकायेदारों को अपराधी घोषित करना और जीएसटी का बोझ ग्राहकों पर नहीं डालना आदि हैं.

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