सुरेन्द्र नाथ सिंह को CM बनवाना चाहते हैं महापौर आलोक शर्मा

भोपाल। अब तो सीएम के नजदीकी नेता भी शिवराज सिंह का विकल्प तलाशने लगे हैं। शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम में भोपाल के महापौर आलोक शर्मा की जुबान से यह बयान लीक हो ही गया। राजनीति की भाषा में इसे 'जुबान का फिसलना' भी कहते हैं परंतु मेडिकल साइंस में इसे 'बैक आॅफ माइंड' की प्रोसेस कहा जाता है। इंसान के 'बैक आॅफ माइंड' में जो कुछ चल रहा होता है, कभी अति उत्साह के समय और दूसरी किसी अन्य अवस्था में वो जुबान पर आ ही जाता है। शायद कुछ ऐसा ही इस मामले में भी हुआ है। 

क्या हुआ शुक्रवार को 
शुक्रवार को महापौर पुरानी विधानसभा के पास यातायात पार्क के भूमिपूजन के मौके पर सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मम्मा (सुरेंद्र नाथ सिंह) चिंता मत करो। अमृत के तहत 100 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं, इसमें 16 करोड़ रुपए से नालों का काम मध्य विधानसभा क्षेत्र में कराए जाएंगे। महापौर ने अपने भाषण में अगले चुनाव में दोबारा प्रदेश और केंद्र में बीजेपी की सरकार आने का दावा किया।

महापौर ने मंच से कहा मम्मा (सुरेंद्र नाथ सिंह) विधायक-विधायक बहुत हो गया, हम तो चाहेंगे अगली बार आप मप्र के मुख्यमंत्री...अरे स्थानीय शासन मंत्री बनें। हालांकि महापौर ने तत्काल ही सुधार करते हुए कहा कि सिंह को भावी सरकार में नगरीय विकास मंत्री बनाएंगे।

क्या होती है 'बैक आॅफ माइंड' की थ्योरी
इंसान के पास 2 दिमाग होते हैं। एक वो जो प्रदर्शित होता है ओर दूसरा वो जो पीछे से काम कर रहा होता है। इसी को 'बैक आॅफ माइंड' कहा जाता है। आने वाले खतरे का आभाष, सभी तरह की रणनीतियां, साजिश और योजनाएं 'बैक आॅफ माइंड' में ही बनतीं हैं, फिर वो ब्रैन में आतीं हैं और ब्रैन का अप्रूवल मिलने के बाद वो जुबान पर आ जातीं हैं। यानि 'बैक आॅफ माइंड' में जो चल रहा होता है तो सीधे जुबान पर नहीं आता, लेकिन कभी कभी ऐसा होता है जब 'बैक आॅफ माइंड' बार बार एक दावा करता है और ब्रैन उसे किसी अन्य कारण के चलते पेंडिंग में रखता है, तब सामान्यत: वो बात जुबान पर नहीं आती लेकिन यदि व्यक्ति अति उत्साह में हो या ऐसी अवस्था में हो जब जुबान पर ब्रैन का कंट्रोल खत्म हो जाए तो 'बैक आॅफ माइंड' की बात सीधे जुबान से निकल जाती है। सवाल यह है कि महापौर आलोक शर्मा का मामला 'स्लिप आॅफ टंग' है या 'बैक आॅफ माइंड' का थॉट जो अचानक जुबां पर आ गया और दूसरे ही क्षण ब्रैन एक्टिव हुआ एवं बात को संभालने की कोशिश की गई। 

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