सिंचाई विभाग का EE सुनील सिन्हा भ्रष्ट निकला, 4 साल की जेल

आनंद ताम्रकार/बालाघाट। भारी मशीनरी विद्युत यंत्रिकी जल संसाधन विभाग बालाघाट में पदस्थ रहे कार्यपालन यंत्री सुनील पिता श्यामविनोद सिन्हा को भ्रष्टाचार अधिनियम के विशेष न्यायाधीश श्री दीपक कुमार अग्रवाल ने 21 जुलाई को आदेशित एक अहम फैसले में भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7 की धारा 7 व 13,1(घ) दोषी पाते हुये 4 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 10 हजार रूपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई। 

अभियोजन पक्ष के अनुसार 25 जून 2014 को जबलपुर के लोकायुक्त पुलिस के एक दल जिसमें डीएसपी मिश्रा और निरीक्षक संजीव गुप्ता शामिल थे ने कार्यपालन यंत्री सुनील कुमार सिन्हा के बालाघाट सिविल लाईन स्थित शासकीय आवास में 40 हजार की रिश्वत लेते हुये रंगेहाथों पकडा था और उन्हें गिरफ्तार किया गया था। इस मामले को लेकर लोकायुक्त पुलिस ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला कायम कर विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया था।

अभियोजन पक्ष के अनुसार तत्कालीन कार्यपालन यंत्री सुनील सिन्हा द्वारा बैहर के जलाशय में कराये गये अर्थप्रोसेस के 70 प्रतिशत काम के 20 लाख रूपये भुगतान के लिये 5 प्रतिशत कमीशन की मांग मेसर्स एचआई के अर्थप्रोसेस के ठेकेदार दिलीप परिहार से 1 लाख रूपये की मांग की थी। जिस पर ठेकेदार ने लोकायुक्त पुलिस को शिकायत की जिसके आधार पर पुलिस ने 25 जून 2014 कार्यपालन यंत्री के निवास पर ठेकेदार से 40 हजार रूपये की रिश्वत लेते हुये रंगेहाथों पकडा था।

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