NARENDRA MODI के मंत्रिमंडल का विस्तार अनिवार्य, फैसला जल्द ही

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कैबिनेट में 2 महत्वपूर्ण मंत्रालयों की कुर्सियां खाली हो गईं हैं। गोवा की राजनीति के कारण रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर चले गए। पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे का अचानक निधन हो गया और अब उपराष्ट्रपति पद के लिए वेंकैया नायडू ने इस्तीफा दे दिया। रक्षा और पर्यावरण जैसे दोनों महत्वपूर्ण मंत्रालयों के पास कोई फुलटाइमर मंत्री नहीं है, ऐसे में सूचना एवं प्रसारण तथा शहरी विकास मंत्रालय भी खाली हो रहा है। अब मंत्रिमंडल का विस्तार अनिवार्य हो गया है। 

वित्त मंत्री अरुण जेटली और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्ष वर्धन क्रमश: इन दोनों मंत्रालयों का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं। नायडू के नाम की घोषणा सोमवार (17 जुलाई) को राजग के उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर की गई। फिलहाल, उनके पास सूचना एवं प्रसारण तथा शहरी विकास मंत्रालय का प्रभार है।

भाजपा सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिपरिषद में संसद के मॉनसून सत्र के बाद एक फेरबदल की उम्मीद है और कुछ नये चेहरे भी कैबिनेट में शामिल किए जा सकते हैं। मनोहर पर्रिकर के मार्च में गोवा का मुख्यमंत्री बन जाने के बाद रक्षा मंत्रालय किसी पूर्णकालिक कैबिनेट मंत्री के बगैर रह गया था जबकि अनिल दवे की मई में निधन हो जाने से पर्यावरण मंत्रालय में मंत्री पद रिक्त हो गया था।

प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार नवंबर 2014 में अपनी कैबिनेट का विस्तार किया था जब उन्होंने 21 नये चेहरे शामिल किए थे, जिनमें रक्षा मंत्री के तौर पर पर्रिकर भी शामिल थे। पिछले साल जुलाई में मोदी ने एक और फेरबदल किया, जिसके तहत उन्होंने स्मृति ईरानी की जगह प्रकाश जावड़ेकर को मानव संसाधन विकास मंत्री बनाया था. स्मृति को वस्त्र मंत्रालय में भेजा गया था।

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