MP ONLINE वाले शून्य रुपए के शिकार अभ्यर्थियों की अलग से परीक्षा होगी: खबर का असर

भोपाल। एमपी आॅनलाइन ने शून्य रुपए का भुगतान प्राप्त ना होने के कारण 1100 अभ्यर्थियों के आवेदन निरस्त कर दिए। जबकि परीक्षा का आयोजन नि:शुल्क किया गया था। इस बेतुके फैसले से पीड़ित अभ्यर्थियों ने भोपालसमाचार.कॉम के माध्यम से अपनी आवाज उठाई और मामला उचित स्थान तक जा पहुंचा। पीके सिंह, सहा. संचालक शिक्षा ने कहा है कि यह गड़बड़ी आज ही मेरे संज्ञान में आई है। विभाग ऐसे अभ्यर्थियों की अलग परीक्षा करवाने पर विचार कर रहा है। जिसकी सूचना एसएमएस से संबंधित अभ्यर्थियों को दी जाएगी।मध्यप्रदेश में 24 जुलाई को मॉडल व एक्सीलेंस स्कूल में पढ़ाने के लिए आयोजित होने वाली दक्षता संवीक्षा परीक्षा से करीब 1100 आवेदकों का आवेदन पत्र निरस्त कर दिए गए। सवाल पूछने पर जवाब दिया गया कि आपने परीक्षा शुल्क का भुगतान नहीं किया है। जब बताया गया ​कि परीक्षा तो नि:शुल्क हैं तो जवाब दिया गया कि आपको शून्य रुपए का भुगतान करना चाहिए था। सवाल यह है कि शून्य रुपए का भुगतान कोई कैसे कर सकता है। 

गलती साफ्टवेयर की है
एमपी आॅनलाइन का कहना है कि फॉर्म के शुल्क वाले बॉक्स में शून्य लिखना था, यह बार कोड जनरेट करने के लिए जरूरी था, लेकिन जानकारी के अभाव में कई आवेदकों ने परीक्षा निःशुल्क होने के कारण यह बॉक्स खाली छोड़ दिया जिसके कारण फीस भुगतान के सामने NO लिखा आ गया और साफ्टवेयर से  उनके आवेदन अपने आप निरस्त हो गए।

विज्ञापन में तो नि:शुल्क लिखा था
एमपी ऑन लाइन ऑडिट की जरूरतों के चलते हर परीक्षा फॉर्म का बारकोड जनरेट करता है, चाहे परीक्षा निःशुल्क क्यों न हो। बारकोड जनरेट करने के लिए शुल्क का बॉक्स भरना जरूरी होता है। इस परीक्षा के विज्ञापन में इस बात की कोई जानकारी नहीं दी गई और न ही कियोस्क संचालकों को सूचित किया गया। परीक्षा के लिए करीब 5000 आवेदन भरे गए जिनमें से करीब 11 सौ फॉर्म निरस्त हो गए।

साफ्टवेयर सुधारो, नियम मत बनाओ 
दरअसल, यह गलती एमपी आॅनलाइन के साफ्टवेयर की है। अपने खातों को सही रखने के लिए आप सारी दुनिया के लिए नया नियम नहीं बना सकते। आपको अपने स्तर पर समाधान करने होंगे और यह समाधान शून्य रुपए के भुगतान पर उपलब्ध है। एमपी आॅनलाइन के मौजूदा साफ्टवेयर में एडमिन को मात्र इतना करना है कि वो परीक्षा शुल्क वाले कॉलम में नंबर्स की एंट्री अनिवार्य कर दे। मात्र 2 मिनट में पूरी प्रक्रिया सम्पन्न हो जाएगी। इसके बाद यदि कोई परीक्षार्थी शुल्क वाले कॉलम में नंबर्स नहीं लिखेगा तो उसका फार्म स​बमिट ही नहीं होगा। स्क्रीन पर नोटिस आ जाएगा कि वो परीक्षा शुल्क का कॉलम खाली ना छोड़े। परीक्षा नि:शुल्क हुई तो अभ्यर्थी उसमें 00 ही भरेगा और काम हो जाएगा। 

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