अधिकारी की प्रताड़ना से तंग ITI की महिला ट्रेनिंग ऑफिसर ने सुसाइड किया

इंदौर। नंदा नगर के शासकीय आईटीआई में कार्यरत एक महिला ट्रेनिंग ऑफिसर अर्चना वैद्य ने सोमवार सुबह फांसी लगाकर जान दे दी। परिजन का आरोप है कि आईटीआई के अधिकारियों ने उस पर अन्य कामों का इतना बोझ डाल दिया था कि वह अपने ट्रेड (इंग्लिश स्टेनो) में छात्रों को पढ़ा तक नहीं पाती थी। उसे बाबूगीरी के कामों में उलझा दिया गया था। काम का इतना तनाव था कि वह दोपहर का खाना भी नहीं खा पाती थी। अकसर ऐसा भी होता था कि वह घर से लाया हुआ टिफिन, बिना खोले ही घर ले जाती थी। इस मामले में गंभीर पुलिस जांच की जरूरत है परंतु पुलिस ने अब तक संतोषजनक कदम नहीं उठाए हैं। 

पुलिस के मुताबिक, धनवंतरि नगर में रहने वाली अर्चना वैद्य ने सोमवार सुबह बेटे का टिफिन बनाकर उसे स्कूल भेजा। उसके बाद परिजन से थक गई हूं, आराम करने जा रही हूं, कहकर कमरे में चली गई। कुछ देर बाद परिजन ने उसे फंदे पर झूलते देखा। वे फंदा काटकर उसे अस्पताल ले गए, लेकिन उनकी जान नहीं बच पाई।

अर्चना के पति विनोद वैद्य पीथमपुर में एक निजी कंपनी में जॉब करते हैं। परिजन ने पुलिस को बताया कि अर्चना काम को लेकर काफी गंभीर थी। वह एक साल पहले शहडोल से ट्रांसफर लेकर नंदा नगर स्थित शासकीय आईटीआई में आई थी। यहां आने के बाद उसे अफसरों ने उसके मूल काम के अलावा दूसरे इतने काम दे दिए कि वह परेशान हो गई। उसे दुख इस बात का था कि वह लिपिकीय कार्य के चलते विद्यार्थियों को ट्रेनिंग नहीं दे पा रही। इधर ऑफिस के काम के अलावा उस पर घर की भी जिम्मेदारी थी। उसे ब्लड प्रेशर की भी शिकायत थी।

हमारे यहां इतना काम नहीं है
नहीं, हमारे यहां इतना काम नहीं है। संस्थान में ऐसा कोई बोझ नहीं था। शायद, उनका कुछ पारिवारिक मसला होगा। राजेश कपिल, प्रिंसिपल, आईटीआई

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