HDFC BANK ने बीमा धारक की वि​धवा को परेशान किया, फोरम ने जुर्माना ठोका

गुरदासपुर। लोन लेने वाले व्यक्ति का अनिवार्य रूप से बीमा करने वाला HDFC BANK बैंक, पॉलिसी बेचने के बाद अपनी जिम्मेदारी से मुकर गया। बीमा धारक की मृत्यु के बाद बैंक ने मृतक की विधवा को किसी भी तरह की मदद करने से इंकार कर दिया। जिला उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम ने 1 लाख की बीमा राशि सहित 10,000 रुपए मुआवजा तथा 5,000 रुपए केस खर्च अदा करने का एचडीएफसी बैंक गुरदासपुर तथा HDFC GENERAL INSURANCE कम्पनी को 30 दिन के अंदर अदा करने का आदेश सुनाया है।

राजविंद्र कौर पत्नी सुरजीत सिंह निवासी गांव धर्मकोट रंधावा जिला गुरदासपुर ने बताया कि उसका पति सुरजीत सिंह पशु पालन विभाग में वैटर्नरी इंस्पैक्टर था व कपूरथला में तैनात था। उसने 3 नवम्बर, 2014 को एचडीएफसी बैंक गुरदासपुर से 2 लाख 10 हजार रुपए लोन लिया था। इस लोन केस के साथ उसकी 1 लाख रुपए की लाइफ इंश्योरैंस भी की गई मगर उसे कोई कवर नोट नहीं मिला। इस दौरान 8 मई, 2015 को सुरजीत सिंह की हार्ट अटैक से मौत हो गई।

राजविन्द्र कौर ने पति की मौत के बाद बैंक तथा इंश्योरैंस कम्पनी को इंश्योरैंस राशि अदा करने को कहा परंतु कम्पनी ने यह कह कर भुगतान करने से इंकार कर दिया कि हार्ट अटैक जैसी बीमारी इंश्योरैंस में शामिल नहीं थी, जिस पर पीड़िता ने जिला शिकायत निवारण फोरम में याचिका दायर की।

यह कहा फोरम ने
जिला उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम के प्रधान नवीन पुरी ने बताया कि इस केस की सुनवाई के समय बैंक अधिकारियों ने कहा कि हमारा काम बैंकिंग का है, इंश्योरैंस से हमारा कोई लेना-देना नहीं। फोरम ने एचडीएफसी बैंक तथा इंश्योरैंस कम्पनी दोनों को मिल कर या अलग-अलग 30 दिन के अंदर पीड़िता को 1.15 लाख रुपए देने का आदेश दिया। यदि आदेश का पालन नहीं होगा तो फैसला सुनाए जाने से लेकर राशि अदा करने तक सारी राशि 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित अदा करनी होगी।

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