GWALIOR में 2 रोजगार सहायक बर्खास्त, CEO को पता ही नहीं

ग्वालियर। जिला पंचायत के दो रोजगार सहायकों को बर्खास्त कर दिया गया है। लेकिन इनके आदेश सार्वजनिक करने से अफसर बचने की कोशिश कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार रोजगार सहायक जयदेवी शर्मा और मुकेश पाल को बर्खास्त किया गया है। जयदेवी शर्मा पर आरोप लगे थे कि वे सुपावली में शौचालय निर्माण और प्रधानमंत्री आवास निर्माण के प्रकरण को स्वीकृत कराने के लिए हर व्यक्ति से 300 से 600 रूपए बतौर रिश्वत मांगती हैं। इस मामले की जांच जिला पंचायत सीईओ नीरज कुमार सिंह ने ब्लॉक कॉर्डिनेटर अर्चना जादौन से कराई थी। 

ब्लॉक कॉर्डिनेटर ने अपनी जांच में शिकायत सही पाई और कार्रवाई की अनुशंसा की थी। इसी तरह रोजगार सहायक मुकेश पाल को भी लापरवाही का दोषी माना गया और उसे भी बर्खास्त किया गया है। लेकिन जब जिला पंचायत सीईओ नीरज कुमार सिंह से इस संबंध में बात की तो पहले तो उन्होंने कहा कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है लेकिन बाद में बोले दोनों रोजगार सहायकों के खिलाफ जांच चल रही थी। संभवत दोनों बर्खास्त हो गए होंगे। जनपद सीईओ मुरार राजीव मिश्रा लगातार संपर्क से बाहर बने रहे। लेकिन सूत्रों के अनुसार दोनों रोजगार सहायकों को बर्खास्त कर दिया गया है। अधिकारियों से नजदीक होने के कारण इन रोजगार सहायकों के मामले को सार्वजनिक करने से बचा जा रहा है।

माइनिंग विभाग ने गुरूवार को अवैध खनन कर निकाले गए पत्थर और उन्हें अवैध रूप से परिवहन कर ले जाया जा रहे डंपर पकड़े। एक डंपर तो कलेक्ट्रेट बिल्डिंग के ठीक सामने ही पकड़ा। माइनिंग टीम ने पांच डंपर बिलौआ के पास से तथा दो डंपर बिजौली क्षेत्र में पकड़े। कुल 6 डंपरों से माइनिंग विभाग ने 3 हजार फुट पत्थर जब्त किया। इसकी कीमत लगभग डेढ़ लाख रूपए बताई गई है।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !