GST में जालसाजी की तो जेल जाएंगे व्यापारी: पासवान

नई दिल्ली। उत्पादों की पैकिंग पर प्रिंट सूचना के अनुरूप उत्पाद के न होने पर सरकार सख्त कदम उठाएगी। यानी कहा कुछ और ग्राहक को दिया कुछ तो जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है। इसके लिए अधिकतम एक लाख रुपये तक का जुर्माना और एक साल की जेल भी हो सकती है। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि उपभोक्ताओं के साथ धांधली करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। पासवान ने बताया कि उपभोक्ता कानून में कई कड़े प्रावधान किए गए हैं, जिसके तहत चरणबद्ध तरीके से सख्ती की जाएगी। जीएसटी दर लागू होने के बाद कई उत्पादों के मूल्य बढ़े हैं तो कुछ के घटे हैं। इसके लिए सभी उद्योगों को 30 सितंबर तक अपना पुराना स्टॉक खाली करने का समय दिया गया है। लेकिन पुराने स्टॉक के उत्पादों पर संशोधित अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) प्रिंट करना ही होगा।

पत्रकारों से बातचीत में पासवान बोले कि जीएसटी लागू होने के बाद से उपभोक्ता हेल्पलाइनों पर कुल सात सौ से अधिक पूछताछ जीएसटी को लेकर की गई है। इसके मद्देनजर राजस्व मंत्रलय से किसी विशेषज्ञ को हेल्पलाइन सेवा के लिए नियुक्त करने को कहा गया है। इससे जीएसटी से जुड़ी समस्याओं का निदान आसानी से हो सकेगा। सभी कंपनियों से कहा गया है कि वे अपने नहीं बिके उत्पादों को बेचने से पहले उनके ऊपर प्रिंटेड स्टीकर जरूर लगाएं, जिस पर सारी डिटेल दर्ज हो।

एक अन्य सवाल के जवाब में पासवान ने सख्त लहजे में कहा कि उत्पादों की पैकिंग के भीतर कुछ और बाहर कुछ लिखा मिला तो खैर नहीं। इस संबंध में जब पूछा गया कि क्या कार्रवाई होगी, तो संबंधित अधिकारी से ब्योरा देने को कहा। बकौल अधिकारी, अगर किसी व्यापारी अथवा निर्माता ने ऐसा किया तो पहली बार 25 हजार रुपये का जुर्माना होगा, जबकि दूसरी बार यही गलती दोहराने पर जुर्माने की राशि 50 हजार रुपये हो जाएगी। तीसरी बार यह गलती अंतिम होगी, जिस पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना अथवा एक साल की जेल काटनी होगी।

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