DHAR: पति को कंधे पर लिए भटकती रही महिला, HOSPITAL ने स्ट्रेचर तक नहीं दिया

भोपाल। जिस मध्यप्रदेश में करोड़ों के बदले मेडिकल कॉलेजों की सीटें बेच कर व्यापमं/डीमेट घोटाले का रिकॉर्ड रचा गया, वहां अस्पतालों की हालत इससे भी कहीं ज्यादा झकझोर देने वाली है। धार के सरकारी अस्पताल में एक महिला अपने पति को कंधे पर उठाए यहां से वहां भटकती रही। अस्पताल प्रबंधन ने एक अदद स्ट्रेचर तक नहीं दिया। प्रदेश सरकार शासकीय अस्पतालों के लिए लाखों करोड़ों का फण्ड जारी करती है। साथ ही तमाम प्रकार के संसाधन और मशीनरी भी उपलब्ध करवाती है, पर न जाने क्यों उनका उपयोग नहीं किया जाता या यूं कहें कि लापरवाहियां बरती जाती हैं। धार में मानवता शर्मसार हुई है और इंसानियत कलंकित हुई है। क्योंकि एक महिला अपने बीमार पति को कंधे पर लिए घंटों इधर से उधर भटकती रही।

दरअसल, अजमेर सिंह जोकि ढिंढोरी जिले का रहने वाला है और कामकाज करने के लिए पत्नी के साथ गुजरात गया था। दो माह पूर्व उसे फोड़े हुए थे, जिसका ठीक से उपचार नहीं मिलने पर इंफेक्शन हो गया था। जिसके बाद उपचार करवाया गया, तो ठीक हो गया। पर फिर से इंफेक्शन हो गया और वह चलने फिरने से लाचार हो गया।

उसकी पत्नी उसको लेकर अपने रिश्तेदार के घर राजगढ़ पहुंची और फिर वह धार के जिला भोज अस्पताल पहुंची। जहां चिकित्सकों ने उसको देखा और कुछ जांच लिखी। पर ग्रामीण महिला को यह नहीं पता था कि इस सबसे बड़े अस्पताल में जांच कहां होती है। लैब कहां पर है। लिहाजा महिला पति को कंधे पर बैठाकर इधर से उधर घूमती रही। पर अस्पताल के किसी भी जिम्मेदार ने व्हील चेयर बुलवाने की कोशिश नहीं की। क्योंकि व्हील चेयर जहां रखा गया था, उस कमरे में ताला जड़ा हुआ था। महिला ने बताया कि उसने अस्पताल की दूसरी मंजिल तक अपने कंधों पर पति को ले जाकर भर्ती करवाया।

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