मप्र के शिक्षकों ने CM शिवराज सिंह को आमरण अनशन का अल्टीमेटम दिया

भोपाल। शिक्षक संवर्ग की बहुप्रतिक्षित समयमान और लम्बे समय से पदोन्नति से वंचित सहायक शिक्षको को "शिक्षक'' पदनाम दिए जाने सबंधी 2 सूत्रीय मांगो के अंतिम निराकरण में हो रही देरी से नाराज शिक्षक संवर्ग ने शासन को 25 जुलाई से भोपाल में आमरण अनशन पर बैठने का लिखित अल्टीमेटम जारी कर दिया है। 10 जुलाई को समग्र शिक्षक व्याख्याता कल्याण संघ के (शिक्षक प्रकोष्ठ) का प्रतिनिधिमंडल प्रांतीय संयोजक सुरेशचंद्र दुबे और संगठन के प्रमुख मार्गदर्शक आर.एन.लहरी के नेतृत्व में शिक्षामंत्री दीपक जोशी, प्रमुख सचिव वसंत प्रताप सिंह,सचिव स्कूल शिक्षा दीप्ति गौड़ मुखर्जी, आयुक्त लोकशिक्षण नीरज दुबे से मिला और 25 जुलाई से राजधानी भोपाल में आमरण अनशन शुरू करने का लिखित पत्र सौंपा। मुख्यमंत्री कार्यालय को भी इसकी लिखित सूचना भेजी गई।

संघ की ओर जारी विज्ञप्ति के अनुसार दोनों मामलो की फ़ाइल शुरू हुए लगभग 15 माह हो चुके है, जबकि दोनों मसलो पर शिक्षा, सामान्य प्रशासन और वित्त विभाग की स्वीकृति भी मिल चुकी है वावजूद इसके अंतिम निराकरण नहीं निकाला जा सका है!

संगठन के अनुसार विगत 27 जून को भी शिक्षकों के सयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने 11 वी बार सचिव स्कूल शिक्षा दीप्ति मुखर्जी से मुलाकात की थी जिस पर शिक्षा सचिव ने दोनों मामलो पर 15 दिवस के अन्दर निर्णय निकाले जाने का ठोस आश्वाशन दिया गया था..लेंकिन अवधि बीत जाने के बाद भी अंतिम निराकरण न निकलने से नाराज शिक्षको ने आन्दोलन का निर्णय लिया!

संगठन के प्रदेश सयोजक सुरेशचंद्र दुबे का कहना है कि प्रदेश में अधिकारियो से लेकर भृत्य तक को त्रिस्तरीय वेतनमान का लाभ दिया जा चुका है लेकिन शिक्षक संवर्ग इससे वंचित है! दूसरी ओर बिना पदोन्नति के हजारो सहायक शिक्षक विभाग की गलत नीति के कारण उच्च योग्यता के वावजूद विना पदोन्नति के सेवानिवृत हो गए, एक बर्ष पूर्व संगठन के विशेष प्रयासो से उच्च योग्यता रखनेवाले 28028 सहायक शिक्षको के एकमुश्त पद अपग्रेड किये जाने के लिए विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया था, निर्णय में देरी के कारण इस अवधि में प्रस्ताव में शामिल 3 हजार से अधिक सहायक शिक्षक सेवानिवृत हो चुके है!

लोकसभा स्पीकर भी लिख चुकीं है मुख्यमंत्री को पत्र
शिक्षा विभाग में कार्यरत सहायक शिक्षको को 30 से 35 वर्षो की सेवा उपरान्त पदोन्नति न दिए जाने के मुद्दे पर लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर नाराजगी जता चुकी है..

आन्दोलन की पूर्व तैयारी हेतु प्रदेश भर में जिला/संभागीय मुख्यालयो पर शिक्षको की बैठके होगी.सभी से सहभागिता की अपील करते हुए समग्र शिक्षक व्याख्याता कल्याण संघ (शिक्षक प्रकोष्ठ) के प्रांतीय संयोजक सुरेशचन्द्र दुबे और प्रमुख मार्गदर्शक आर एन लहरी ने कहा कि सबसे पहले हम शिक्षक है फिर किसी संगठन के अंग इसलिए अपनी शक्ति को पहचानकर अपने स्वाभिमान की रक्षा के लिए आगे आये!

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