नाबार्ड राजस्थान के CGM बदले, एके सिंह ने ज्वाइन किया

जयपुर। श्री एके सिंह, मुख्य महाप्रबन्धक ने दिनांक 03 जुलाई 2017 को राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के राजस्थान क्षेत्रीय कार्यालय में प्रभारी अधिकारी के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। उन्होंने श्रीमती सरिता अरोरा से पदभार ग्रहण किया जो प्रधान कार्यालय, मुंबई स्थानांतरित हो गई हैं। श्री सिंह ने वर्ष 1984 में अधिकारी के रूप में नाबार्ड सेवा जॉइन की तथा वे विज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री धारक एवं सीएआईआईबी पास है। माइक्रो फाइनन्स, संस्थागत विकास, ऋण आयोजना, बैंकिंग पर्यवेक्षण और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में उन्हे 33 वर्ष का अनुभव प्राप्त है। वर्तमान नियुक्ति से पूर्व वे नाबार्ड के विभिन्न क्षेत्रीय कार्यालयों एवं प्रधान कार्यालय में भिन्न भिन्न पदों पर कार्य का अनुभव प्राप्त कर चुके है।

नाबार्ड के बारे में 
शिवरामन समिति (शिवरामन कमिटी) की सिफारिशों के आधार पर राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक अधिनियम 1981 को लागू करने के लिए संसद के एक अधिनियम के द्वारा 12 जुलाई 1982, को नाबार्ड की स्थापना की गयी। इसने कृषि ऋण विभाग (एसीडी (ACD) एवं भारतीय रिजर्व बैंक के ग्रामीण योजना और ऋण प्रकोष्ठ (रुरल प्लानिंग एंड क्रेडिट सेल) (आरपीसीसी (RPCC)) तथा कृषि पुनर्वित्त और विकास निगम (एआरडीसी (ARCD)) को प्रतिस्थापित कर अपनी जगह बनाई. यह ग्रामीण क्षेत्रों में ऋण उपलब्ध कराने के लिए प्रमुख एजेंसियों में से एक है।

राष्‍ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक एक एेसा बैंक है जो ग्रामीणों को उनके विकास एवं अ‍‍ार्थिक रूप से उनकी जीवन स्तर सुधारने के लिए उनको ऋण उपलब्‍ध कराती है। कृषि, लघु उद्योग, कुटीर एवं ग्रामीण उद्योग, हस्तशिल्प और अन्य ग्रामीण शिल्पों के उन्नयन और विकास के लिए ऋण-प्रवाह सुविधाजनक बनाने के अधिदेश के साथ नाबार्ड 12 जुलाई 1982 को एक शीर्ष विकासात्मक बैंक के रूप में स्थापित किया गया था। उसे ग्रामीण क्षेत्रों में अन्य संबंधित क्रियाकलापों को सहायता प्रदान करने, एकीकृत और सतत ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने और ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि सुनिश्चित करने का भी अधिदेश प्राप्त है।

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