पुलिस हिरासत में आरोपी की मौत, कोर्ट ने कहा हत्या का केस दर्ज करो

GWALIOR: न्यायिक मजिस्ट्रेट आदेश कुमार जैन ने गुुरुवार को 29 जनवरी 2017 को पुलिस हिरासत में शैलेन्द्र उर्फ शिवम भदौरिया की मौत के मामले में थाटीपुर थाने को हत्या का केस दर्ज करने का आदेश दिया है। 19 जुलाई तक एफआईआर की कॉपी तलब की है। पड़ाव पुलिस ने शैलेन्द्र भदौरिया को हथकड़ी के साथ फरार बताया था। उसके बाद वह फांसी पर टंगा मिला। उसके पिता ने हत्या का केस दर्ज कराने के लिए कोर्ट में परिवाद दायर किया था।

हनुमान नगर गोला का मंदिर निवासी बादशाह सिंह भदौरिया ने कोर्ट में एक परिवाद दायर किया। परिवादी के अधिवक्ता अवधेश सिंह भदौरिया ने कोर्ट में तर्क दिया कि बादशाह सिंह के बेटे की पुलिस ने षडयंत्र पूर्वक हत्या की गई है। आत्महत्या दर्शाने के लिए पुलिस ने थाटीपुर के एक फ्लैट में हथकड़ी सहित शव लटका दिया था। अधिवक्ता ने बताया कि 30 जनवरी को बादशाह सिंह के घर महाराजपुरा थाने का आरक्षक लोकेन्द्र सिंह कुशवाह व पड़ाव थाने का एक आरक्षक हथकड़ी की चाबी लेकर आए थे। दोनों घबराते हुए कह रहे थे कि हमें तो चाबी देने भेजा है। शिवम हथकड़ी के साथ भाग गया है। नहीं तो हमारी नौकरी चली जाएगी। 

उसी दिन दोपहर 12ः30 बजे थाटीपुर के एक फ्लैट में शिवम की बॉडी फंदे पर टंगे होने की सूचना मिली। जहां शिवम का शव मिला, वहां सामान अस्त व्यस्त था। उसे देखकर ऐसा लग रहा था कि उसके शव को लटाकाया गया हो। अधिवक्ता ने तर्क दिया कि पीएम रिपोर्ट में भी डाक्टरों ने आत्महत्या का ओपीनियन नहीं दिया है। इसलिए प्राथमिक स्टेज पर आत्महत्या का केस नहीं कहा सकता है। परिस्थितियां बता रही है कि शिवम को षडयंत्र पूर्वक मारा गया है। आत्महत्या का केस बनाने के लिए शव को फंदे पर टागां है। इसलिए हत्या का केस दर्ज किया जाए। कोर्ट ने सुनवाई के बाद थाटीपुर थाने को धारा 302, 306, 120 बी के तहत केस दर्ज करने का आदेश दिया है।

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